नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने कैंसर मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने जीन थेरेपी के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी इम्यूनोएक्ट को फंडिंग प्रदान की है, ताकि जीन वितरण प्रणाली को मजबूत किया जा सके। इससे कैंसर का इलाज सस्ता और सुलभ हो सकेगा। चिमेरिक एंटीजन रिसेप्टर टी-सेल (सीएआर-टी) थेरेपी कैंसर के इलाज में क्रांतिकारी सफलता के रूप में सामने आई है, जो मरीज की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली का उपयोग करके कुछ प्रकार के कैंसर से लड़ती है।
विश्व स्तर पर किए गए क्लीनिकल ट्रायल्स में अंतिम चरण के मरीजों, विशेष रूप से एक्यूट लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया से पीड़ितों में यह थेरेपी आशाजनक परिणाम दिखा चुकी है। आईआईटी बॉम्बे की स्पिन-ऑफ कंपनी इम्यूनोएक्ट ने दुनिया की पहली मानवीकृत सीएआर-टी थेरेपी 'नेक्सकार19' को बाजार में उतारा है।
आधिकारिक बयान में क्या कहा गया?
एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि बायोई3 नीति के तहत जैव विनिर्माण पहल के माध्यम से जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने उत्पादन बढ़ाने और इस नई चिकित्सीय पद्धति को अधिक किफायती बनाने के लिए इम्यूनोएक्ट को वित्त पोषण दिया है। इसके तहत 200एल जीएमपी लेंटिवायरल वेक्टर और प्लास्मिड प्लेटफॉर्म स्थापित किया जाएगा।
बयान में कहा गया कि लेंटिवायरल वेक्टर और प्लास्मिड प्लेटफॉर्म में उन्नत बायोरिएक्टर प्रौद्योगिकियां शामिल की जाएंगी, जो उच्च घनत्व वाली कोशिका वृद्धि और निरंतर उत्पादन को आसान बनाएंगी। इससे लेंटिवायरल वेक्टरों की उच्च पैदावार और बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित होगा।
आगे बताया गया कि जीएमपी ग्रेड जीन डिलीवरी वेक्टर प्रति वर्ष कम से कम 1,000 मरीजों को कोशिका और जीन थेरेपी की सुविधा प्रदान कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार कॉन्क्लेव (ईएसटीआईसी) में क्यूएसआईपी क्वांटम सुरक्षा चिप और 25-क्यूबिट क्यूपीयू (भारत की पहली क्वांटम कंप्यूटिंग चिप) के साथ भारत के तीन प्रमुख नवाचारों में सीएआर-टी सेल थेरेपी को शामिल किया। बयान में जोर दिया गया कि भारत की पहली जीवित दवा 'नेक्सकार19' ने वैज्ञानिक कठोरता या मरीज सुरक्षा से समझौता किए बिना जीन थेरेपी को सस्ती और सुलभ बना दिया है।
Dainik Aam Sabha