नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने इकोनामिक वीकर सेक्शन यानी ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत आरक्षण देने का मामला संविधान पीठ को भेज दिया है। अब संविधान पीठ तय करेगी कि आरक्षण आर्थिक आधार पर दिया जा सकता है या नहीं। केंद्र ने साल 2019 में संविधान में संशोधन कर आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को शिक्षा और सरकारी नौकरी में दस फीसदी आरक्षण दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
गौरतलब है कि जनरल कैटेगरी के आर्थिक पिछड़ों को 10 प्रतिशत आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच (5 जजों की बेंच) को रेफर किया जाएगा या नहीं, इस पर आज फैसला आना था। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और बीआर गवई की बेंच ने बुधवार को सुनवाई की। अदालत ने 31 जुलाई 2019 को सुनवाई के बाद फैसला रिजर्व रख लिया था।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट आर्थिक आधार पर आरक्षण के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर चुकी थी। याचिककर्ताओं ने 1992 में नरसिम्?हा राव सरकार के अगड़ों को आरक्षण देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देकर इंदिरा साहनी केस को आधार बनाया है। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए ही सुप्रीम कोर्ट ने जातिगत आधार पर दिए जाने वाले आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत तय की थी। उनका कहना है कि रिजर्वेशन की अधिकतम 50 प्रतिशत सीमा भी पार हो गई।
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