Monday , December 23 2024
ताज़ा खबर
होम / राजनीति / राष्ट्रीय लोकदल ने सभी प्रवक्ताओं को पद से हटाया, जयंत चौधरी के आदेश पर

राष्ट्रीय लोकदल ने सभी प्रवक्ताओं को पद से हटाया, जयंत चौधरी के आदेश पर

नईदिल्ली

केंद्र में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA में साझेदार राष्ट्रीय लोकदल के नेता और केंद्रीय मंत्री ने अपने पार्टी के नेताओं पर सख्त एक्शन लिया है. पार्टी ने अपने सभी प्रवक्ताओं को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है.

राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी द्वारा जारी एक चिट्ठी में इस फैसले की जानकारी दी गई है. जानकारी के अनुसार रालोद चीफ जयंत चौधरी के आदेश पर यह एक्शन हुआ है. रालोद की मेरठ इकाई ने इस फैसले की जानकारी अपने मीडिया ग्रुप में दी.

बीते दिनों एक प्रवक्ता ने गृहमंत्री अमित शाह के बयान की आलोचना की थी. इसके बाद अब यह फैसला लिया गया है. रालोद नेता त्रिलोक त्यागी द्वारा जारी चिट्ठी में कहा गया है कि राष्ट्रीय लोकदल के सभी राष्ट्रीय प्रवक्ताओं एवं उत्तर प्रदेश के सभी प्रवक्ताओं को तत्काल प्रभानव से निरस्त किया जाता है.

बीते दिनों रालोद प्रवक्ता कमल गौतम ने कहा था कि गृह मंत्री का बयान सही नहीं है और उन्हें माफी मांगनी चाहिए. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को जो लोग भगवान मानते हैं, वह भगवान मानत रहेंगे. उनके लिए ऐसा बयान उचित नहीं है.

अमित शाह ने असल में क्या कहा था?

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 17 दिसंबर को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है.. आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता.

उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर हमला जारी रखते हुए कहा था कि हमें तो आनंद है कि आंबेडकर का नाम लेते हैं. आंबेडकर का नाम अभी सौ बार ज्यादा लो. परंतु आंबेडकर जी के प्रति आपका भाव क्या है ये मैं बताता हूं. आंबेडकर जी को देश कि पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दे दिया.

गृह मंत्री ने आगे कहा था कि उन्होंने (आंबेडकर) कई बार कहा कि वह अनुसूचित जातियों और जनजातियों के साथ होने वाले व्यवहार से असंतुष्ट हैं. उन्होंने सरकार की विदेश नीति से असहमति जताई थी, अनुच्छेद 370 से भी सहमत नहीं थे. आंबेडकर को आश्वासन दिया गया था, जो पूरा नहीं हुआ, इसलिए कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. "अमित शाह यहीं नहीं रुके, उन्होंने इसके बाद जवाहरलाल नेहरू का एक बयान भी पढ़ा जो आंबेडकर के इस्तीफे के बारे में दिया गया था. उन्होंने कहा, “श्री बीसी रॉय ने पत्र लिखा कि आंबेडकर और राजाजी जैसे दो महानुभाव मंत्रिमंडल छोड़ेंगे तो क्या होगा, तो नेहरू जी ने उनको जवाब में लिखा है- राजाजी के जाने से तो थोड़ा बहुत नुकसान होगा, आंबेडकर के जाने से मंत्रिमंडल कमजोर नहीं होता है.” अमित शाह का पूरा भाषण यहां सुना जा सकता है.