अलवर:
अलवर की रामगढ़ विधानसभा बीजेपी के लिए हिंदुत्व की प्रयोगशाला के तौर पर देखी जाती है. यहां गाय और हिन्दू ध्रुवीकरण के मुद्दे पर तीन बार लगातार ज्ञानदेव आहूजा चुनाव जीतते रहे हैं. इस बार बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया है. ये सवाल उठा कि क्या बीजेपी कट्टर हिंदुत्व से अलग दिखना चाहती है? ज्ञानदेव आहूजा ने पहले बीजेपी से अलग होकर चुनाव लड़ने का एलान किया और फिर उपाध्यक्ष बनाए जाने पर माने.
अलवर के रामगढ़ का सियासी मंच लगभग तैयार है. इस इलाके में हिन्दुत्व के प्रतीक और इसी की ताकत पर तीन बार विधायक रहे ज्ञानदेव आहूजा का टिकट भले इस बार कट चुका है, लेकिन उनका सियासी साथ नए उम्मीदवार सुखवंत सिंह के बहुत जरूरी है. राजस्थान बीजेपी के उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि तीन बार हिन्दुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़ा, क्योंकि यहां हालात ऐसे थे. लेकिन अबकी बार सिर्फ विकास ही मुद्दा है.
रामगढ़ विधानसभा में करीब ढ़ाई लाख मतदाता हैं. इनमें पचास हजार मुस्लिम वोटर हैं और कांग्रेस की उम्मीदवार साफिया खान हैं. इसी के चलते हिन्दू वोटों का ध्रुवीकरण बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण है. इसे भुनाने के लिए बीजेपी के पास योगी आदित्यनाथ जैसे स्टार प्रचारक भी हैं. लेकिन योगी आदित्यनाथ से पहले कुछ और लोग भी इसी सियासी मंच से हिदुत्व का माहौल बनाने पहुंचे गए हैं. तय समय से दो घंटे देर से पहुंचा योगी आदित्यनाथ का हेलीकॉप्टर और देखते ही देखते खाली ग्राउंड भरने लगा. योगी आदित्यनाथ भी अपने भाषण में विकास के साथ बाखूबी हिंदुत्व और आतंकवाद का तड़का लगाते हैं.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, कांग्रेस की सरकार थी तो आतंकवादियों को कश्मीर में बिरयानी खिलाती थी, लेकिन बीजेपी की सरकार में गरीबों को राशन दिया जा रहा है. गैस चूल्हा दिया जा रहा है और आतंकवादियों को गोली दिया जा रहा है.