रायपुर। विधानसभा में उपाध्यक्ष की नियुक्ति न किए जाने को लेकर भाजपा ने एक बार फिर से कांग्रेस पर हमला बोला है। वहीं कांग्रेस ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि विधानसभा उपाध्यक्ष की नियुक्ति जल्द होगी।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र प्रारंभ हो गया है। अब तक यह कयास लगाए जा रहे थे कि दूसरे सत्र के दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष के नाम की घोषणा के साथ ही नियुक्ति हो जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, अब इस बात को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर हमला तेज कर दिया है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस और उनकी सरकार में निर्णय लेने की क्षमता नहीं है। यही वजह है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति का मामला हो या सरकार में 13 मंत्री बनाए जाने की बात हो, सभी मुद्दों पर कांग्रेस समय रहते निर्णय नहीं ले पाई थी और अब विधानसभा में उपाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर भी कांग्रेस लेटलतीफी कर रही है।
इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी क्या निर्णय लेती है और क्या नहीं? यह पार्टी के अंदर की बात है। रही बात निर्णय लेने की तो यह बात पहले से तय कर लिया गया था कि लोकसभा चुनाव भूपेश बघेल के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। चुनाव समाप्त होने के बाद सर्वसम्मति से आदिवासी नेता मोहन मरकाम को नया पीसीसी प्रमुख बनाया गया। राज्य में 13वें मंत्री के रूप में जाति समीकरण को ध्यान में रखते हुए अमरजीत भगत को मंत्री बनाया गया । इसी तरह जल्द ही विधानसभा उपाध्यक्ष की नियुक्ति भी हो जाएगी। विधानसभा उपाध्यक्ष की दौड़ में सत्ता पक्ष के कई विधायक शामिल हैं, जिसमें मंत्री न बन सके कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू और अमितेश शुक्ला का नाम सबसे आगे चल रहा है, इसके साथ ही वरिष्ठ नेता रामपुकार सिंह, अरुण वोरा, खेलसाय सिंह सहित कई अन्य नाम विधानसभा उपाध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं।