राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश की राजनीति में नया उबाल आ गया है. केंद्र की मोदी सरकार ने जहां फैसले के बाद कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर प्रहार करना शुरू कर दिया है. वहीं समाजवादी पार्टी का कहना है कि राफेल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला उसे मंजूर है.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि राफेल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आखिरी है. इस पर टिप्पणी करना अब ठीक नहीं है, लेकिन अब भी अगर किसी को लगता है तो उसे अपनी बात सुप्रीम कोर्ट में ही रखनी चाहिए.
राफेल डील का मामला कांग्रेस की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को दिए जाने की मांग पर अखिलेश ने कहा कि हमारी अब जेपीसी की मांग नहीं है. यह मांग तब थी जब मामला सुप्रीम कोर्ट में नहीं आया था.
PAC के पास नहीं आई रिपोर्ट-खड़गे
दूसरी ओर, राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट से झटका लगने के बाद भी कांग्रेस ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद शनिवार को पीएसी (लोक लेखा समिति) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऐसी किसी रिपोर्ट के सामने आने से इंकार करते हुए कहा, ‘मैं लोक लेखा समिति के सभी सदस्यों से अनुरोध करूंगा कि अटॉर्नी जनरल और सीएजी को यह बात पूछने के लिए तलब करें कि राफेल सौदे पर सीएजी की रिपोर्ट कब संसद में पेश की गई.’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता खड़गे ने कहा कि सरकार को राफेल सौदे पर सीएजी की रिपोर्ट के बारे में गलत तथ्य पेश कर सुप्रीम कोर्ट को ‘गुमराह’ करने के लिए माफी मांगनी चाहिए. हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं, लेकिन यह जांच एजेंसी नहीं है. सिर्फ जेपीसी राफेल सौदे की जांच कर सकती है.
हालांकि खड़गे की प्रतिक्रिया पर बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि अगर उन्हें रिपोर्ट नहीं मिली तो कोर्ट में जाकर एफिडेविट या रिव्यू पीटिशन दायर कीजिए.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राफेल डील पर जांच से जुड़ी सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था. राफेल की कीमत पर कोर्ट ने कहा था, ‘कीमत से जुड़े विवरण सीएजी से साझा किए जा चुके हैं और सीएजी की रिपोर्ट की जांच-परख पीएसी कर चुकी है.’
कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पूरा हिंदुस्तान समझता है कि चौकीदार चोर है और वे इसको साबित करके दिखाएंगे कि हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री अनिल अंबानी का दोस्त है और उसने अनिल अंबानी से चोरी करवाई है.