आम सभा, विशाल सोनी, चंदेरी : जैन धर्म के बाइसवे तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ के शासन काल में निर्मित ऐतिहासिक एवं धर्म प्राण नगरी चंदेरी में मनवांछित फल प्रदाता, महा उपसर्ग जयी श्री 1008 श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पुराना मंदिर जी मै विराजमान संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महा मुनिराज के परम शिष्य पाठशाला प्रणेता पूज्य मुनि श्री निर्णय सागर जी, पूज्य मुनि श्री पदम् सागर जी एवं ऐलक श्री क्षीर सागर जी महाराज विराजमान हैं.
सम्पूर्ण भारत में अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जा रहा हैं. जैन धर्म में इस पर्व का एक विशेष महत्व है. ज़ब जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर, देवाधिदेव भगवान आदिनाथ जी 6 छह मास पश्चात आहार चर्या हेतु निकले तब महाराजा श्रेयांश ने नवधा भक्ति पूर्वक पार ना कराकर इक्षू रस (गन्ने के रस) का आहार देकर पा रना कराई थी. तभी से जैन धर्म में इस दिवस को दान पर्व के रूप में भारी धर्म प्रभावना के साथ मनाया जाता है. इसी पावन पर्व पर जैन प्रवक्ता प्रवीण जैन जैनवीर प्रवीण प्रेस परिवार के यहां नगर में विराजमान मुनि संघ में पूज्य मुनि श्री पदम् सागर जी की आहार चर्या सम्पन्न हुई.