लखनऊ ।
एपल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के बाद विलेन की भूमिका में आने को लेकर बेहद नाराज चल रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के सिपाहियों को प्रदेश सरकार ने तोहफा दिया है। डीजीपी ओपी सिंह के निर्देश पर प्रदेश पुलिस के 25,091 सिपाहियों (कांस्टेबल) को हेड कांस्टेबल के पद पर प्रोन्नति दी गई है।
लंबे समय से पदोन्नति की आस संजोये 25091 सिपाहियों को कल आखिरकार हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नति मिल गई। माना जा रहा है कि पुलिसकर्मियों में विरोध के स्वरों के बीच उन्हें कर्तव्य निष्ठा से ड्यूटी करने के लिए प्रेरित करने के इरादे से यह कदम उठाया गया है। डीजीपी ओपी सिंह ने सिपाहियों की पदोन्नति पर मुहर लगा दी। जिस सिपाहियों को प्रमोशन मिला है, उनमें 1975 बैच से 2004 बैच के सिपाही शामिल हैं।
बीते दिनों करीब 29 हजार सिपाहियों की सूची पदोन्नति के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड भेजी गई थी। डीजीपी ने बताया कि भर्ती बोर्ड के घोषित परिणाम पर पदोन्नति दी गई है। वर्ष 2016 में 8762 व वर्ष 2017 में 5030 आरक्षियों को मुख आरक्षी के पद पर पदोन्नति दी गई थी। अब तक अराजपत्रित पुलिसकर्मियों के विभिन्न पदों पर 36062 पुलिसकर्मियों की पदोन्नति दी गई है। वर्ष 2016 में 15803 तथा वर्ष 2017 में 8910 अराजपत्रित पुलिसकर्मियों को पदोन्नति दी गई थी।
पुलिस विभाग में हेड कांस्टेबल के स्तर पर पदों की रिक्ति के सापेक्ष यह आदेश जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के आठ अक्टूबर को घोषित परिणाम के आधार पर डीजीपी मुख्यालय ने प्रोन्नति का आदेश जारी किया।
पुलिस अफसरों का मानना है कि कांस्टेबल स्तर के कर्मचारियों की इस तरह प्रोन्नति होने से उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही इससे पुलिस विभाग को हेड कांस्टेबल स्तर पर प्रशिक्षित व कार्यकुशल पुलिसकर्मी मिल जाएंगे।