नई दिल्ली:
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड खेलने की तैयारी में हैं. गंगा से बड़ी आबादी की आस्था को ध्यान में रखते हुए प्रियंका गांधी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यूपी में नदी तीरे की जनता से रूबरू होने के लिए गंगा यात्रा पर निकलने की तैयारी की है. वह सूबे के दो बड़े शहरों प्रयागराज और बनारस के बीच मोटर बोट से सफर करना चाहतीं हैं. इसके लिए कांग्रेस ने चुनाव आयोग से अनुमति देने की मांग की है. 18 से 20 मार्च वह इलाहाबाद से वाराणसी तक गंगा में मोटर बोट से जल यात्रा के दौरान बीच-बीच में रुकेंगी. इस दौरान गंगा किनारे कई कार्यक्रम भी होंगे. उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष प्रशासन डॉ. आरपी त्रिपाठी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश को पत्र लिखकर अनुमति देने की मांग की है. कहा है कि 18, 19 और 20 मार्च को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव और उत्तर-प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा का इलाहाबाद से बनारस तक जल मार्ग से मोटर बोट से दौरा है. जगह-जगह जनता की ओर से स्वागत किया जाना है. कृपया अनुमति देने का कष्ट करें. जिसमें चुनाव आयोग के नियमों का पालन हो सके.
प्रियंका के चंद्रशेखर से मुलाकात पर हलचल
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की मेरठ में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद से मुलाकात के कुछ घंटे बाद ही समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने बीते बुधवार को बसपा सुप्रीमो मायावती से मुलाकात की. जिससे सियासी गलियारे में हलचल बढ़ गई. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की भीम आर्मी के प्रमुख से मुलाकात को उत्तर प्रदेश के राजनीतिक हलके में बसपा सुप्रीमो मायावती पर ‘दबाव ‘ बनाने के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि एक दिन पहले ही मायावती ने चुनावी गठबंधन को लेकर कांग्रेस के लिए बसपा के दरवाजे बंद कर दिये थे. हालांकि, सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि यह मुलाकात आगामी लोकसभा चुनाव के लिए होने वाली रैलियों, सभाओं और बैठकों के सिलसिले में थी. उन्होंने बताया कि चुनाव करीब आ रहे हैं. होली के बाद चुनाव प्रचार की पूर्णतया शुरूआत कर दी जाएगी.
साथ ही चौधरी ने बताया कि गठबंधन ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए दो सीटें छोडी हैं और ईमानदारी से पूरा समर्थन किया जाएगा. लेकिन सपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका की भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर के साथ मुलाकात बसपा सुप्रीमो मायावती के फैसले की प्रतिक्रिया है. बता दें, मायावती ने कांग्रेस के साथ गठबंधन की किसी संभावना से इंकार कर दिया है. सपा नेता ने साथ ही कहा, ‘लेकिन मायावती किसी दबाव में नहीं आने वाली हैं… यह गठबंधन दबाव में नहीं आएगा… इसने (गठबंधन) पहले ही कांग्रेस को दो सीटें दे दी हैं.’