कोरोना वायरस के संकट के बीच मध्य प्रदेश के इंदौर में ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभाने वाले कोरोना योद्धाओं पर पत्थर चलाने वालों के खिलाफ शिवराज सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम में लगी सरकारी अमले की टीम पर इंदौर की टाट पट्टी बाखल में पथराव करने वाले 7 में से चार लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की गई है। दरअसल, बुधवार को कोरोना वायरस के संदिग्धों का स्क्रीनिंग करने गई टीम पर रानीपुरा के टाटपटटी बाखल क्षेत्र में पथराव हुआ था।
इस घटना पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख्त नाराजगी जताते हुए सख्त कार्रवाई के निदेर्ष दिए थे। उसी के बाद जिला प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी मनीष सिंह ने गुरुवार की रात को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा तीन की उपधारा दो के तहत चार व्यक्तियों पर रासुका की कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेजे जाने के आदेश जारी किए हैं। जिला दंडाधिकारी इंदौर ने गिरफ्तार किए गए इन दोषियों को केंद्रीय जेल रीवा में रखे जाने के आदेश दिए हैं।
पथराव की घटना में शामिल मोहम्मद मुस्तफा, पिता हाजी मोहम्मद इस्माइल, उम्र 28 साल, मोहम्मद गुलरेज, पिता हाजी अब्दुल गनी, उम्र 32 साल, सोयब उर्फ सोभी, पिता मोहम्मद मुख्तियार , उम्र 36 साल और मज्जू उर्फ मजीद, पिता अब्दुल गफूर , उम्र 48 साल पर रासुका की कार्रवाई की गई है।
पुलिस उप महानिरीक्षक हरी नारायण चारी मिश्रा ने बताया है कि पथराव करने वालों की वीडियो फुटेज से पहचान की जा रही है। चार पर रासुका की कार्रवाई की गई है और अन्य की पहचान की जा रही है। बता दें कि जो वीडियो सामने आया था उसमें भीड़ स्वास्थ्यकर्मियों की टीम पर हमला करती नजर आई थी।