दिल्ली के तीस हज़ारी कोर्ट के बाहर वकीलों और पुलिसकर्मी की झड़प की घटना ने मंगलवार को देखते-देखते तूल पकड़ लिया. नाराज़ पुलिसकर्मी दिल्ली में अपने ही मुख्यालय के सामने धरने पर बैठ गए. वरिष्ठ अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों को समझाने की कोशिश भी की मगर वे ‘वी वॉन्ट जस्टिस’ के नारे लगाते रहे.
बांह में काली पट्टियां बांधकर आए पुलिसकर्मी अपने वरिष्ठ अधिकारियों से नाराज़ दिखे और जब कमिश्नर अमूल्य पटनायक वहां आए तो ‘दिल्ली पुलिस कमिश्नर कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो’ के नारे भी सुनाई दिए.
इस घटना के एक दिन बाद बुधवार को किरण बेदी ने ट्विटर पर लिखा, “अधिकार और ज़िम्मेदारी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. हमें बतौर एक नागरिक इसे कभी नहीं भूलना चाहिए. हम चाहे जो कोई भी हों, जहां कहीं भी हों. हमें इस मसले पर अपने ज़ोर देने के तरीके में बड़े बदलाव करने की ज़रूरत है. हम सब जब क़ानून के दायरे में अपनी ज़िम्मेवारियों का निर्वहन करते हैं तो कोई टकराव नहीं होता.”
अभी पुदुचेरी की लेफ़्टिनेंट गवर्नर किरण बेदी 1972 में देश की पहली महिला पुलिस अधिकारी बनी थीं और उनकी पहली पोस्टिंग दिल्ली में ही हुई थी.
दिल्ली पुलिस में रहते हुए ट्रैफ़िक से लेकर जेल समेत कई ज़िम्मेदारियां संभालने के बाद किरण बेदी ने 2007 में डायरेक्टर जनरल के पद से इस्तीफ़ा देकर पुलिस सेवा से स्वैच्छिक निवृति ले ली थी.