आम सभा,भोपाल।
मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात के 100 वें एपिसोड से निराशा हुई। पूरे कार्यक्रम में पीएम ने अपनी बात कही। इस दौरान
” जन ” नजर नहीं आया जबकि ” जन ” प्रजातांत्रिक व्यवस्था का सशक्त आधार है। वहीं, पीएम ने लोगों की पीड़ा का न सुना और न ही संवाद का कोई अवसर दिया। इससे प्रतीत होता है कि मन की बात के बहाने किसी स्क्रिप्ट को उन्होंने पढ़ दिया। इसमें बेलगाम महंगाई, बेरोजगारी, रोजगार के नए अवसर, महिला प्रताड़ना, बिगड़ती कानून व्यवस्था, शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने, स्वास्थ्य एवं परिवहन सेवाओं को बेहतर बनाने, पुरानी पेंशन बहाली, नई तकनीक, नए अनुसंधान, नए निवेश जैसे विषयों का कोई जिक्र ही नहीं किया।
श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि यौन प्रताड़ना की शिकार महिला रेसलर्स के नईदिल्ली में चल रहे धरने का उल्लेख नहीं करना भी इस बात का परिचायक है कि पीएम का ” गण ” से कोई सरोकार नहीं है। ये अत्यंत दुखद और पीड़ादायक है। प्रगतिशील भारत की आजादी के 75 साल में लोकतंत्र के चौथे प्रहरी से संवाद करने के बदले अपनी ब्रांडिंग की खातिर सरकारी संचार माध्यम के जरिए अपनी बात रखी। अच्छा होता कि वे मीडिया से रुबरु होते और सवाल-जवाब का सीधा प्रसारण होता तो देश ये सब देखता-सुनता। श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि दुखद ये है कि मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश से अधिकांश जिलों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। लेकिन मन की बात में इसका जिक्र पीएम मोदी ने नहीं किया।
श्रीमती विभा पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार का कोई मंत्री किसानों के आसूं पोंछने के लिए गांवों में नहीं पहुंचा। सीएम चौहान भी भोपाल में मन की बात की ब्रांडिंग करते रहे। इसे ईवेंट का रूप देने में व्यस्त रहे। साथ ही अफसरों की फौज को भी उन्होंने खेत-दर-खेत भेजने के बदले मन की बात कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार में उलझा दिया। कुल मिलाकर केंद्र एवं राज्य सरकार की सरकार से हरेक स्तर पर जन को निराशा ही मिल रही है।