लोकसभा की कार्यवाही एक बार फिर चर्चा में है. इस बार ये चर्चा किसी हंगामे को लेकर नहीं बल्कि देर रात तक चली संसद की कार्यवाही को लेकर हो रही है. पिछले 18 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है जब लोकसभा में देर रात तक किसी मुद्दे पर बहस की गई है. खास बात ये है कि इस बहस में 100 लोकसभा सदस्यों ने हिस्सा लिया.
लोकसभा में गुरुवार को वर्ष 2019-20 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा की जा रही थी. बताया जाता है कि चर्चा इतनी लंबी चली कि रात के 11 बजकर 58 मिनट हो गए. चर्चा के दौरान विपक्ष ने अपने-अपने क्षेत्रों से जुड़े विषयों को भी लोकसभा में उठाया.
लोकसभा में चर्चा के दौरान रेल राज्यमंत्री सुरेश चन्नबसप्पा अंगदी ने कहा कि रेलवे एक परिवार की तरह है और सभी को एक साथ लेकर चलता है और सभी को संतुष्ट करता है. उन्होंने कहा, ”जिस तरह अटल जी ने सड़कों के लिए काफी काम किया था वैसे ही मोदी सरकार ने रेलवे के लिए बहुत काम किया है.”
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने देर रात तक सदन की कार्यवाही चलाने की पहल के लिए लोकसभा अध्यक्ष के प्रति आभार प्रकट किया.