आम सभा, भोपाल : पण्डित जवाहर लाल नेहरू जी की 130 वीं वर्षगाठ एवं गुरूनानक जी के विचारों पर आधारित व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। आयोजन का विषय नेहरू के इतिहास बोध एवं गुरूनानक जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केन्द्रित था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कमरूद्दीन दाउदी जी तथा कार्यक्रम के अध्यक्ष महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. विनय कुमार राणा रहे। वरिष्ठ प्राध्यापक डाॅ. उषा किरण गुप्ता ने गुरूनानक जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उनकी क्रांतिकारी घोषणा कि ‘‘मनुष्य हिन्दू या मुसलमान नहीं बल्कि मात्र मनुष्य है तथा उसका उद्देश्य प्राणीमात्र से स्नेह होना चाहिए’’ पर बल दिया।
कार्यक्रम प्रभारी डाॅ. संध्या खरे ने गुरूनानक जी की प्रकृति मात्र के प्रति उदारता एवं दयालुता का वर्णन करते हुए उनके महान कार्यो पर प्रकाश डाला। गुरूनानक जी ने विश्वभर में सांप्रदायिक एकता, शान्ति एवं सदभाव को बड़ावा दिया। गुरूनानक ने एक नवीन सिख समुदाय की नीव रखी। डाॅ. राकेश खरे ने गुरूनानक के विचारों पर प्रकाश डालते हुए उनके हिन्दू मुस्लिम एकता, जातिभेद एवं मूर्तीपूजा दूर करने का प्रयास एवं छद्म अंधविश्वासो के विरोध पर प्रकाश डाला। ज्ञान के प्रकाश के लिए गुरूनानक ने अनेक हिन्दू मुस्लिम धार्मिक स्थानो का भ्रमण किया। कार्यक्रम में आसिफ कुरेशी, खुमेजा दाउदी, अरूण नील, सचिन चैहान, अकील तथा महाविद्यालय के समस्त छात्र एवं छात्राएॅ एवं समस्त महाविद्यालयीन स्टाफ उपस्थित रहा। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार कार्यक्रम प्रभारी डाॅ. संध्या खरे ने किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।