नई दिल्ली:
राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिरोजम और तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को जारी किए जाएंगे. इससे एक दिन पहले बीजेपी और मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों की बैठक है. बताया जा रहा है कि बैठक में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए एक ‘महागठबंधन’ बनाने पर भी चर्चा होगी. यह बैठक इसलिए भी अहम है, क्योंकि
विधानसभा चुनाव के परिणाम और संसद के शीतकालीन सत्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले हो रही है. यह बैठक तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू बैठक ने बुलाई है.
बैठक में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती नदारद रह सकती हैं. सूत्रों के मुताबिक मायावती कांग्रेस से नाराज चल रही है, जिसकी वजह से वह इस बैठक से दूर रह सकती हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या मायावती महागठबंधन की कवायद को झटका देने की तैयारी में हैं? वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जो कि हमेशा ऐसी बैठकों से दूर रहते हैं, वह इस बार शामिल होने के लिए मान गए हैं. बताया जा रहा है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बसपा के साथ सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बन पाने के बाद मायावती कांग्रेस से नाराज चल रही हैं.
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इसके अलावा इस बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी, नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी के भी बैठक में भाग लेने की उम्मीद है.
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) अध्यक्ष एमके स्टालिन, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव और लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) के नेता शरद यादव भी उन लोगों में शामिल हैं जो इस बैठक में भाग ले सकते हैं. सपा के एक सूत्र ने बताया कि समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के भी इस बैठक में शामिल होने की संभावना है. हालांकि यदि वह किसी कारणवश नहीं शामिल हो पाए तो पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव बैठक में मौजूद रहेंगे.
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बता दें, इससे पूर्व 22 नवंबर को बैठक किए जाने की योजना थी, लेकिन पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के कारण इसे टाल दिया गया था.