टेलीविजन और सिनेमा में मजेदार कंटेंट की बहार आ गयी है, फैंटेसी-हाॅरर कहानियां हमेशा से ही दर्शकों की पसंदीदा रही हैं। इस जोनर को बखूबी दिखा रहे, -ज्ट के ‘लाल इश्क’ ने अपने दिलचस्प और डरावने कंटेंट से दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बना ली है। दर्शक हमेशा से ही टेलीविजन परदे पर भूतों को देखना पसंद करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि इन्हें इतना डरावना और वास्तविक दिखाने के लिये क्या-क्या करना पड़ता है?
एक भूत को इतना डरावना होना चाहिये कि वह किसी की भी कल्पना पर खरा उतर पाये। भूत को बनाने में कई सारे स्टेप होते हैं, इसकी शुरुआत एक डरावना किरदार गढ़ने से होती है। ‘लाल इश्क’ के प्रोड्यूसर ने ‘वल्र्ड पैरानाॅर्मल डे’ के मौके पर कुछ मजेदार बातें साझा कीं। ‘‘लाल इश्क’ पर हमने करीब 230 भूत तैयार किये हैं। उन्हें असली बनाने और दर्शकों को डराने के लिये, काफी सारे प्रोस्थैटिक मेकअप का इस्तेमाल किया जाता है।
इस प्रोस्थैटिक को बनाने में लगभग 4-5 दिन का वक्त लगता है और इसके बावजूद यदि वह वैसा नज़र नहीं आये तो हम उसे दोबारा करते हैं। यह एक लंबी चलने वाली प्रक्रिया होती है। इसके बाद, पोस्टप्रोडक्शन चरण में, एडिटिंग में काफी ज्यादा वीएफएक्स का काम होता है, जोकि भूतों को तैयार करने में एक और महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। हम वीएफएक्स पर काफी ज्यादा निर्भर रहते हैं, इससे भूत डरावने और खौफनाक नज़र आते हैं।’’
‘लाल इश्क’ में एक भूत की भूमिका निभाने वाले मयंक मिश्रा इस शो में काम करने के अपने अनुभव के बारे में बताते हैं। वह कहते हैं, ‘‘एक भूत की भूमिका करना मानसिक और शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि किसी एक्टर को यह दिखाने का मौका नहीं मिलता कि वह कौन है। मुझे ‘लाल इश्क’ में ऐसे एक किरदार के लिये तैयार होने में लगभग 6 घंटे का समय लगा था।
प्रोस्थैटिक और काॅस्ट्यूम की वजह से इतना वक्त लगा था। जब मैंने इस भूमिका के लिये हामी भरी थी तो मेरे दिमाग में यह बात आयी थी कि यह चुनौतीपूर्ण होने वाला है। साथ ही, जब मैं छोटा था तो मुझे एक बुरा भूत बनने के सपने आते थे। हर बच्चे के दिमाग में भूत को लेकर एक अलग तरह की धारणा होती है और मेरी कल्पना की दुनिया से ऐसे ही एक किरदार को निभाने का मौका मिलना बहुत ही अच्छी बात थी।’’
इस ‘वल्र्ड पैरानाॅर्मल डे’ पर ‘लाल इश्क’ अपने दर्शकों के लिये ऐसे ही दिलचस्प और डरावने एपिसोड लेकर आने वाला है।