Saturday , November 23 2024
ताज़ा खबर
होम / देश / नीतीश के बदले रुख पर शिवानंद तिवारी ने कहा- चूहे जहाज छोड़ने लगें तो उसका डूबना तय

नीतीश के बदले रुख पर शिवानंद तिवारी ने कहा- चूहे जहाज छोड़ने लगें तो उसका डूबना तय

पटना: 

राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी नेबिहार के सीएम नीतीश कुमार के हालिया बदले हुए रुख को लेकर कहा है कि चूहे जब जहाज छोड़ने लगें तो उसके डूबने का अनुमान आप सहजता से लगा सकते हैं.

शिवानंद तिवारी का कहना है कि अचानक नीतीश कुमार के अंदर का सोया समाजवादी जाग गया है. उन्होंने एक बयान में कहा है कि राज्यसभा में लंबित तीन तलाक विधेयक पर उनकी पार्टी बीजेपी का साथ नहीं देगी. राम मंदिर पर भी उनकी ओर से बयान आया है. मंदिर निर्माण मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला मानेंगे. अध्यादेश का समर्थन नहीं करेंगे.

तिवारी ने कहा है कि बात यहीं नहीं रुकती है. कल एक कार्यक्रम में उन्होंने (नीतीश) कहा है कि सभी को अपने विचार व्यक्त करने और धर्म पालन करने की आज़ादी है. आगे कहते हैं कि आज पूरी दुनिया और देश भर में आपसी कटुता को बढ़ाने का माहौल पैदा किया जा रहा है. लेकिन यक्ष प्रश्न यह है कि अचानक नीतीश जी को ये सवाल परेशान क्यों करने लगे है? क्योंकि पिछले तीन चार वर्षों से कट्टरवाद भारतीय संविधान, लोकतंत्र और हमारे बहुरंगी समाज के तानाबाना में तनाव पैदा कर रहा है.

उन्होंने कहा है कि नीतीश जी नासमझ व्यक्ति नहीं हैं. उनको पता है कि भाजपा के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघका यकीन उन मूल्यों में नहीं है जिनकी चिंता नीतीश जी को अचानक आज पुनः सताने लगी है. संघ की नीतियों और उसके खतरे को वे अच्छी तरह समझते हैं. इसीलिए तो संघमुक्त भारत बनाने के संकल्प के साथ उन लोगों से अलग हुए थे. ‘मिट्टी में मिल जाऊंगा लेकिन अब इनके साथ नहीं जाऊंगा’, इस भीष्म प्रतिज्ञा के बाद पुनः उनके पास जाने की हिम्मत उन्होंने कैसे जुटा ली! महागठबंधन से अलग होने की वजह भ्रष्टाचार वगैरह की उनकी बात तो बेमतलब है. मुझसे बेहतर इसको कौन जानता है.

शिवानंद के कहा कि राम मंदिर या तीन तलाक पर भाजपा या उनके लोंगों का रुख नया तो नहीं है. राम मंदिर के सवाल पर ये लोग सुप्रीम कोर्ट पर दबाव डाल रहे हैं, धमका रहे हैं. योगी ने तो ताल ठोककर कहा कि अयोध्या में राम मंदिर था, है और रहेगा. तीन तलाक का मामला सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से अवैध हो गया. लेकिन इन लोगों को इससे संतोष नहीं हुआ. अवैध हो जाने के बावजूद इस विधि से तलाक देने वाले पर आपराधिक मामला चलाएंगे. इस पर तीन साल की कैद का प्रावधान तो कभी का कर दिया गया था. लेकिन नीतीश जी इन सब पर अब तक मौन क्यों रहे?

तिवारी ने कहा है कि विचारों की अभिव्यक्ति पर आज जैसा संकट तो आपातकाल के अलावा हम लोगों ने कभी महसूस नहीं किया था. लेकिन नीतीश जी इस पर मौन व्रत में रहे. यहां तक कि एक समय नीतीश जी में प्रधानमंत्री की संभावना देखने वाले रामचंद्र गुहा कट्टरवादियों के भय से अहमदाबाद के सेमिनार में बोलने के लिए नहीं गए. नसीरुद्दीन शाह पर किस ढंग से हमला हुआ. क्या कहा था उन्होंने? देश में बढ़ रही असहिष्णुता पर ही चिंता प्रकट की थी. उनकी आशंका को उन पर हमलावरों ने सच्चा साबित कर दिया. लेकिन हमारे नीतीश जी निर्विकार रहे.

आरजेडी नेता ने कहा कि आज अचानक अपने अंदर के सोए समाजवादी को उन्होंने (नीतीश) जगाया है तो जरूर उसके पीछे कोई खास वजह है. इस समाजवादी जागरण का समय देखिएगा तो समझने में शायद आसानी होगी. पांच राज्यों के चुनाव नतीजे ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह के पचास साल तक शासन करने के दर्प को चूर कर दिया है. एक समय मोदी को अपराजेय घोषित करने वाले नीतीश कुमार को भी इन नतीजों ने सदमा पहुंचाया है. अब तक विधानसभा के उन चुनाव नतीजों पर उन्होंने प्रतिक्रिया नहीं दी है. नतीजों के बाद उनका यही समाजवादी बयान सामने आया है. इससे क्या निष्कर्ष निकलता है?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)