आम सभा,भोपाल। आम जनता की सुविधा के लिए प्रदेश का परिवहन विभाग नवाचार शुरू करने जा रहा है। ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस बनने के बाद अब धारक अपना ड्राइविंग लाइसेंस स्वयं जाने ‘ की जगह डाक से भी बुला सकते हैं। इस की नई व्यवस्था शुरू करने के निर्देश प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने मातहतों को दिए हैं। यह निर्देश उन्होंने मंगलवार को मंत्रालय में परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में दिए हैं। बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई, परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा सहित परिवहन विभाग के तमाम अधिकारी मौजूद थे। बैठक के बाद परिवहन मंत्री ने बताया कि हम लोग लाइसेंस घर भेजने की नई व्यवस्था शुरू करने जा रहे है।
अब क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से दूरदराज रहने वाले आवेदक अपना ड्राइविंग ‘लाइसेंस स्पीड पोस्ट से घर बैठे प्राप्त कर सकेंगे। राजपूत ने कहा, ग्रामीण क्षेत्रों और दूरदराज रहने वाले आवेदकों को लाइसेंस लेने के लिए आरटीओ कार्यालय के चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। अब उन्हें काउन्टर से लाइसेंस प्राप्त करने के साथ परिवहन विभाग स्पीड पोस्ट से ड्राइविंग लाइसेंस उनके घर भिजवाएगा। आवेदन करते समय उसमें दोनों ऑप्शन में से एक चुनना होगा। स्पीड पोस्ट का व्यय आवेदक को स्वयं वहन करना होगा। परिवहन विभाग द्वारा शुरू की जाने वाली नई व्यवस्था से आम जनता को समय की बचत के साथ-साथ परिवहन कार्यालय जाने की समस्या से निजात मिलेगी। राजपूत ने बताया कि नई सुविधा के सुचारू संचालन के लिए विभाग जल्दी डाक विभाग से अनुबंध करेंगा। अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किसी एक जिले से शुरू किया जाएगा। व्यवस्था सफल होने के बाद उसके गुण-दोष के आधार पर इसे दूसरे जिलों में भी लागू किया जाएगा।
पंद्रह साल पुराने वाहन एक अप्रैल तक चलेंगे
राजपूत ने कहा कि 15 साल पुराने शासकीय वाहन अब एक अप्रैल तक मान्य होंगे। संबंधित विभागों को अपने वाहन मान्यता प्राप्त स्क्रेपिंग एजेंसी में स्क्रैप कराने होंगेउन्होंने बताया कि वर्तमान में लगभग चार हजार शासकीय वाहन . 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं। परिवहन नीति में नए टैक्स आमजन के लिए काफी लचीले और फायदेमंद होंगे। प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने बताया कि कई स्वरूप में बसों के ऑल इंडिया परमिट के लिए प्रति सीट टैक्स में कमी का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसी तरह राज्य के बाहर से आने वाली ऐसी बसें जो फैक्ट्री में स्टाफ को लाने ले जाने के लिए अनुबंधित हैं, उन पर टैक्स का प्रावधान किया गया है। अभी तक इस प्रकार के वाहनों पर कोई टैक्स नहीं लिया जाता है। इसी प्रकार स्कूल बसों पर प्रति सीट प्रति वर्ष की दर से टैक्स का प्रावधान रखा गया है।