मुंबई
यहां गोरेगांव पूर्व स्थित अंबेडकर नगर में बुधवार रात करीब 10 बजे नाले में गिरे दो साल के मासूम दिव्यांश का तीसरे दिन बाद भी कुछ पता नहीं चला। तलाश के लिए एनडीआरएफ को भी लगाया गया है। इससे पहले फायर ब्रिगेड, पुलिस और बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की टीम दिव्यांश की तलाश में जुटी थी।
इस बीच बच्चे के पिता सूरज सिंह ने कहा, “अगर अगले कुछ घंटे में मेरा बेटा मुझे नहीं मिला तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। इस हादसे के लिए बीएमसी जिम्मेदार है। बच्चे की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। वह दरवाजे के बाहर नाले में अपने बच्चे को ढूंढ रही है।’’
शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
स्थानीय लोगों का आरोप है कि उन्होंने पिछले तीन साल में कई बार खुले नाले को लेकर बीएमसी से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मौके पर पहुंचे मुंबई के मेयर विश्वनाथ महादेश्वर ने कहा कि दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मेयर ने दिव्यांश के परिवार वालों से भी मुलाकात की।
ऐसे हुई दुर्घटना
दो साल का दिव्यांश बुधवार रात को घर से खेलता हुआ सड़क पर बाहर निकला। वह जैसे ही वापस घर जाने के लिए घूमा, पैर फिसलने से नाले में जा गिरा। नाले में तेज बहाव था। इसके बाद उसकी मां उसे ढूंढते हुए बाहर निकली, लेकिन दिव्यांश का कुछ पता नहीं लगा। बाद में वहां लगे सीसीटीवी फुटेज को देखा गया तो दिव्यांश खुले नाले में गिरता हुआ नजर आया।
5 साल में ऐसी ही 639 दुर्घटनाएं
आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख के मुताबिक, पिछले साढ़े पांच सालों (2013-2018) में मुंबई शहर में मैनहोल/गटर/समुद्र में कुल 639 दुर्घटनाओं में 328 लोगों की मौत हो चुकी है।