पटना।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लेकर मद्य निषेध, उत्पाद व निबंधन विभाग की समीक्षा करते हुए कड़ी चेतावनी दी है और कहा हैे कि राज्य के 1064 थानों के थानेदार सरकार को लिखित गारंटी देंगे कि उनके इलाके में शराब नहीं बिकती है। गारंटी के बाद भी जिस थाना क्षेत्र में शराब पकड़ी जाएगी, तो वहां के थानेदार को 10 साल तक किसी भी थाने में पोस्टिंग नहीं दी जाएगी।
बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मद्य निषेध, उत्पाद व निबंधन विभाग की समीक्षा करते हुए हर थानेदार से यह गारंटी लेने का आदेश दिया। कहा-सभी सरकारी अधिकारी-कर्मचारी शराब से दूर रहने की फिर से शपथ लेंगे। गारंटी के बाद भी जिस थाना क्षेत्र में शराब पकड़ी जाएगी, तो वहां के थानेदार को 10 साल तक किसी भी थाने में पोस्टिंग नहीं दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिए आइजी प्रोहिबिशन के तंत्र को और प्रभावी बनाने की जरूरत है। अब तक जिनकी गिरफ्तारियां हुई हैं, वे कौन हैं, उनका विश्लेषण कर सख्त कार्रवाई हो। शराब के अवैध धंधे में लिप्त बड़े कारोबारियों और सप्लायरों पर कार्रवाई होगी।
सीएम ने कहा कि हरियाणा व अन्य राज्यों के लेबल लगाकर कहीं पड़ोसी राज्यों से बिहार में शराब तो नहीं भेजी जा रही है? इस दिशा में भी ध्यान देना है तभी शराबबंदी अभियान पूरी तरह सफल होगा। जो लोग अवैध शराब के धंधे में पकड़े जा रहे हैं, वे पहले क्या करते थे या शराबबंदी से पहले जो शराब बेचने में लगे थे, वे अब कौन सा काम कर रहे हैं, इन सभी तथ्यों की जांच कर असरदार कार्रवाई करने की जरूरत है।
सीएम ने कहा कि माफिया गिरोह और धंधेबाज पकड़े जाएंगे, तभी शराब के अवैध धंधे पर पूरी तरह से पाबंदी लगेगी। अगर कार्रवाई में कमी हो रही है तो आइजी प्रोहिबिशन को खुद तफ्तीश करके कार्रवाई करनी चाहिए।
सीएम ने कहा कि शराबबंदी से बिहार में सामाजिक बदलाव आया है। महिलाओं-बच्चों को काफी राहत मिली है। इसलिए इस काम में आईजी प्रोहिबिशन के साथ-साथ इंटेलिजेंस, एक्साइज, स्पेशल ब्रांच पुलिस को लगाया जाए। बैठक में विभागीय मंत्री विजेंद्र प्र. यादव समेत सभी अधिकारी मौजूद थे।