लंबी बहस के बाद लोकसभा में एनआईए बिल पास हो गया है। एनआईए बिल पर बहस के बाद इस पर वोटिंग हुई। बहस के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टीका-टिप्पणी का दौर भी चला। खास तौर पर गृह मंत्री अमित शाह और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बीच हल्की नोकझोंक देखने को मिली।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में एनआईए बिल पर चर्चा के दौरान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को नसीहत दी। शाह ने ओवैसी से कहा, ‘सुनने की भी आदत डालिए ओवैसी साहब, इस तरह से नहीं चलेगा।’
दरअसल, शाह ने ओवैसी को यह नसीहत इसलिए दी कि आज लोकसभा में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एएनआई) संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह अपनी बात रख रहे थे। इसी दौरान हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने उनकी एक बात पर आपत्ति जताते हुए उन्हें टोक दिया था।
संसद के बजट सत्र के दौरान आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) बिल को लोकसभा में पेश किया गया। इस बिल पर जब भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह बोल रहे थे तब एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी बार-बार बीच में कुछ न कुछ टिप्पणी कर रहे थे।
ओवैसी को इसके लिए लोकसभा स्पीकर और सत्यपाल सिंह की तरफ से मना भी किया गया लेकिन उन्होंने बीच-बीच में बोलना जारी रखा। जिससे नाराज होकर गृह मंत्री शाह ने उन्हें यह नसीहत दे डाली। शाह ने कहा कि जब कोई और बोलता है तो आप चुप रहकर सुनते हैं लेकिन जब सत्यपाल सिंह बोल रहे हैं तो आप लगातार बीच में बोल रहे हैं। आपको सुनने की आदत डालनी होगी।
ओवैसी ने भी किया पलटवार
गृहमंत्री के इस बयान पर पलटवार करते हुए ओवैसी ने कहा कि मुझे डर लगता है। तब अमित शाह ने जवाब दिया कि ‘अगर आपके अंदर डर बैठा है तो हम क्या कर सकते हैं।’
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर और भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह ने चर्चा के दौरान कहा कि आतंकवाद इसलिए फल-फूल रहा है क्योंकि हम उसे राजनीतिक चश्मे से देखते हैं जबकि हमें उससे मिलकर लड़ना चाहिए।
पोटा हटाना गलत था- शाह
बहस के दौरान अमित शाह ने कहा कि पोटा को हटाया जाना सही कदम नहीं था। 2004 से 2008 के दौरान आतंकी घटनाएं बढ़ गई थीं, इसलिए यूपीए सरकार को एनआईए लाना पड़ा। सरकार को मुंबई हमले के बाद इसका गठन करना पड़ा।