पैरंट्स के लिए बच्चों की परवरिश आम बात नहीं होती है बल्कि काफी मुश्किल होता है। इसके लिए उन्हें हर कदम पर सावधानी बरतनी पड़ती है। काउंसिलर्स के अनुसार पैरंट्स को बच्चों से कुछ भी कहने से पहले काफी सावधानी बरतनी चाहिए और शब्दों के चुनाव में भी ऐहतियात बरतनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि आप बच्चों से जो भी कहते हैं फिर चाहे वह पॉजिटिव हो या नेगेटिव उनके दिमाग पर इसका गहरा असर पड़ता है। यहां हम आपको कुछ ऐसी बातों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें आपको अपने बच्चे से कभी नहीं कहना चाहिए…
तुम बेवकूफ हो
ये बात आपके बच्चे के आत्मविश्वास को खत्म कर सकती है। हमारे बीच कई ऐसे पैरंट्स होते हैं जो अक्सर अपने बच्चों को ऐसी बातें कहते हैं। अगर आप अपने बच्चे को लगातार उसके ढ्ढक्त लेवल को लेकर टारगेट करेंगे तो हो सकता है आपका बच्चा हीनभावना का शिकार हो जाए और बाकि लोगों की तुलना में खुद को कम आंकने लगे। इसलिए भूल कर भी ऐसी बातें बच्चे से न कहें।
दूसरे से तुलना न करें
तुलना कभी भी किसी को अच्छी नहीं लगती तो आप कैसे सोच लेते हैं कि आपके बच्चे पर इसका गलत असर नहीं पड़ेगा। ज्यादातर बच्चों के पैरंट्स अपने बच्चों की दूसरों के बच्चों से तुलना करते हैं और उनके जैसा बनने को कहते हैं जिसका बच्चे पर गलत असर पड़ता है। पैरंट्स को ये समझना चाहिए कि हर इंसान एक जैसा नहीं होता सबकी अपनी अलग पर्सनैलिटी होती है। बच्चों को किसी की तरह बनने को न कहें बल्कि प्यार से उन्हें ये एहसास दिलाएं कि वे जैसे हैं अच्छे हैं और पैरंट्स उन्हें वैसे ही बहुत प्यार करते हैं।
बच्चों को धमकाना गलत
ऐसा अक्सर पैरंट्स करते हुए नजर आते हैं जैसे बच्चों से कहते हैं कि ऐसा करो नहीं तो…बच्चों के साथ सख्ती कभी-कभी जरूरी होती है लेकिन उन्हें धमकाना, उनके दिमाग पर इसका बेहद गलत असर पड़ सकता है। इसलिए आप चाहे जितने भी गुस्से में क्यों न हों, बच्चे को डराने धमकाने की बजाय प्यार से समझाएं।
स्वाभाव अलग-अलग होना आम बात है
हर व्यक्ति की पर्सनैलिटी और स्वभाव अलग-अलग होता है। स्वभाव से शर्मीला या इंट्रोवर्ट होना कोई गलत चीज नहीं है। हो सकता है आपके बच्चे को हर किसी से मिलना जुलना ज्यादा पसंद न हो लेकिन इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। धैर्य से काम लें और अपने बच्चे को डर से बाहर निकलने के लिए प्रोत्साहित करें और कॉन्फ्डेंस गेन करने में मदद करें।