मुंबई:
नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर न सिर्फ विपक्ष के निशाने पर मोदी सरकार है, बल्कि एनडीए की सहयोगी शिवसेना के भी हमले के केंद्र में है. 8 नवंबर यानी गुरुवार को नोटबंदी के दो साल पूरे हो गए. इस मौके पर एनडीए के सहयोगी शिवसेना ने कहा कि जनता प्रधानमंत्री को दो साल पहले नोटबंदी की घोषणा करने के लिए सजा देने का इंतजार कर रही है. बता दें किप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को 1,000 और 500 रुपये के नोट को तत्काल प्रभाव से चलन से बाहर कर दिया था.
भाजपा नीत एनडीए और राज्य सरकार में सहयोगी शिवसेना ने दावा किया कि नोटबंदी बिल्कुल ‘असफल’ रही क्योंकि इससे कोई भी लक्ष्य पूरा नहीं हुआ. शिवसेना की प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने गुरुवार को कहा, ‘(केंद्रीय) वित्त मंत्री कहते हैं कि ज्यादा लोगों को कर के दायरे में लाया गया, लेकिन लाखों लोगों की इस वजह से नौकरियां चली गई, वह इसके पीछे का तर्क देने में विफल रहते हैं.” उन्होंने कहा कि ऐसा कहा गया था कि आतंकवाद का खात्मा होगा और नकली नोट की समस्या खत्म हो जाएगी, लेकिन यह भी नहीं हो सका.
प्रवक्ता ने कहा, ‘दो साल के बाद स्थिति इतनी खराब है कि लोग प्रधानमंत्री को सजा देने का इंतजार कर रहे हैं.” कायंदे ने दावा किया कि केंद्रीय वित्त मंत्री और आरबीआई गवर्नर के बीच ‘अनबन’ से देश में आर्थिक स्थिति और बदहाल होगी तथा विदेशी निवेशक यहां निवेश करने के प्रति चिंतित होंगे.
बता दें कि नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 50 दिन का समय मांगा था और कहा था अगर इसका फायदा नहीं हुआ तो वह कोई भी सजा भुगतने को तैयार हैं. पीएम मोदी ने कहा था कि ‘मैंने देश से 50 दिन मांगे हैं, अगर 30 दिसंबर के बाद मेरी कोई गलती निकल जाए, तो आप जिस चौराहे पर खड़ा कर सजा देना चाहे.. मैं तैयार हूं. लेकिन मेरे देशवासी दुनिया आगे बढ़ रही है.. आप मुझे मौका दीजिए। आपने जैसा हिंदुस्तान चाहा है.. मैं वैसा हिंदुस्तान आपको दूंगा.”
बता दें कि इससे पहल मनमोहन सिंह और ममता बनर्जी ने भी मोदी सरकार पर गुरुवार को हमला बोला था. मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश और समाज पर नोटबंदी का बुरा असर हुआ और इसका प्रभाव आज भी दिख रहा है. वहीं ममता बनर्जी ने इसे बड़ा घोटाला करार दिया और देश की जनता के साथ इसे धोखा भी कहा.