नई दिल्ली। भारतीय नौसेना की मजबूती की दिशा में रक्षा मंत्रालय ने एक और कदम आगे बढ़ा दिया है। ये कदम है 8 एंटी-सबमरीन शैलो वॉटर क्रॉफ्ट के लिए 6,311 करोड़ रुपये के करार पर हस्ताक्षर करना। मंत्रालय ने इसके लिए कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड से हाथ मिलाया है। इस सौदे में जानकारी के मुताबिक नौसेना को रक्षा हेतु एंटी-सबमरीन शैलो वॉटर क्राफ्ट की काफी समय से जरूरत थी, जहां अब रक्षा मंत्रालय ने सेना को मजबूती देने का काम किया है।
दरअसल रक्षा मंत्रालय ने 8 एंटी-सबमरीन के लिए कॉन्ट्रैक्ट फाइनल किया था। इसका मतलब अब जल्द ही भारतीय नेवी के खेमे में 16 युद्धपोत शामिल होंगे। हाल ही में भारतीय नौसेना ने मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स में गाइडेड मिसाइल विध्वंसक पोत इंफाल का जलावतरण किया। इसे देश में ही डिजायन और निर्मित किया गया।
नौसेना के लिये पनडुब्बी नाशक पोत एंटी सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट देश में ही बनाए जाएंगे। ऐसे आठ पोतों के निर्माण का आर्डर रक्षा मंत्रालय ने कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लि( जीआरएसई) को दिया है। इन पोतों के लिये टेंडर अप्रैल, 2014 में जारी किया गया था। सौदा सम्पन्न होने के 42 महीने बाद पहले पोत को नौसेना को सौंपा जा सकेगा। इसके बाद हर साल दो पोत बनाए जाएंगे। प्रोजेक्ट पूरा करने का कुल 84 महीनों का वक्त तय किया गया है। गौरतलब है कि जीआरएसई इन दिनों नौसेना के लिये स्टील्थ फ्रिगेट, एंटी सबमरीन वारफेयर कार्बेट फास्ट पेट्रोल बोट, सर्वे वेसेल आदि का निर्माण कर रही है।