(उमेश चौबे)
आम सभा, सियरमऊ/सिलवानी।
बसंत आता है तो प्रकृति मुस्कराती है और संत आते हैं तो संस्कृति मुस्कराती है। उक्त उदगार मुनि श्री 108 सुदत्त सागर महाराज ने जैन धर्मशाला में व्यक्त किये।
क्षुल्लक श्री चंद्र दत्त सागर ने कहा संस्कारों एवं संस्कृति के शंखनाद करने धर्म से ओत – प्रोत करने संत आते हैं। समस्त जैन समाज के महिला पुरुष बालक बालिकाओं ने झंडे, बैंड जयकारों के साथ मंगल आगवानी की। पाद प्रक्षालन, आरती श्रीफल समर्पित कर मुनि श्री संघ से ग्रीष्म कालीन प्रवास की विनती की। ज्ञात है कि मुनि संघ बेगमगंज से सुल्तानगंज विहार कर सियरमऊ पधारे है।