*निकला सत्र, ढाई हजार विद्यार्थियों को साइकिल नहीं दे पाए अफसर*
आम सभा,भोपाल।
प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग के नवीन प्रयोग का भारी खामियाजा विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है। भोपाल और इंदौर में मौजूदा शिक्षण सत्र के दौरान साइकल बांटने के लिये नवीन तकनीकी पद्धति अपनाई गई थी। यह प्रक्रिया पूरी तरह से फेल हो गई है। सत्र निकल गया है, लेकिन ढाई हजार से अधिक विद्यार्थियों को साइकल वितरण योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। इस विसंगति के बारे में जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल का कहना है कि भोपाल जिले में 3500 स्कूली बच्चों को साइकल बंटनी थी, लेकिन सिर्फ 950 विद्यार्थियों को ही बंट पाई। उनका कहना है कि तकनीकी खराबी के कारण यह समस्या बनी हुई है। मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल से एक माह में जबाव मांगा है। साथ ही यह भी पूछा है कि साइकिलें कब आई थीं ? कबतक वितरित होना था ? अबतक क्यों नहीं हो पाई ? अब कबतक वितरित हो पायेंगी ?
*पुलिस प्रताड़ना का आरोप लगाकर दम्पति ने खाया जहर, पत्नी की मौत*
कटनी जिले के बड़वारा थानाक्षेत्र में पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर पति-पत्नी ने जहर खा लिया। दोनों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान पत्नी की मौत हो गई। पति की हालत गंभीर बनी हुई है। घटनाक्रम के अनुसार कटनी के बड़वारा थानाक्षेत्र के आंबेडकर चैक निवासी सुखीलाल चैधरी के घर बीते 23 मार्च को चोरी हुई थी। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ 40 हजार रूपये की चोरी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस की कार्यवाही से संतुष्ट न होकर सुखीलाल चैधरी ने पुलिस पर उन्हें ही प्रताड़ित करने का आरोप लगाया और अपनी पत्नी के साथ जहर खा लिया। दम्पति के परिजनों ने मृतिका का शव ले जाने से मना कर दिया। उन्होंने टीआई पर कार्यवाही करने की मांग की। मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर एसपी, कटनी से प्रकरण के संबंध में पूर्ण प्रतिवेदन मांगा है। साथ ही यह भी कहा है कि घटना दिनांक से थाने के सीसीटीव्ही संभालकर रखे जाएं।
*बेटे की प्रताड़ना से परेशान माता-पिता अधिकारियों के सामने रो पड़े, बोले-पेपर की रद्दी बेचकर चला रहे खर्च*
ग्वालियर जिला मुख्यालय में बीते मंगलवार को हुई साप्ताहिक जनसुनवाई में एसपी आॅफिस पहुंचे बुजुर्ग माता-पिता कहने लगे साहब, हमें बचा लीजिए। बेटा आए दिन हमसे मारपीट करता है। उम्र के इस पड़ाव पर यह दिन देखना पड़ेगा, यह कभी सोचा नहीं था। उनका कहना है कि मारपीट करने बाद बेटा उनकी कमाई हुई रकम भी छीन लेता है। इस उम्र में वे रद्दी बेचकर अपना जीवन-यापन कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि बेटे को घर से बेदखल कर दिया जाये। यह गुहार आंखों में आंसू लिए बुजुर्ग राजाराम और उनकी पत्नी केतकाबाई ने अधिकारियों से लगाई। अधिकारियों नें मामला आलंबन सेल की ओर भेज दिया है। मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर कलेक्टर एवं एसपी ग्वालियर से प्रकरण के संबंध में पूर्ण प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने इन दोनों अधिकारियों से यह भी पूछा है कि क्या माता-पिता एवं वृद्धजनों के भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम के तहत आरोपी पुत्र पर कोई कार्यवाही की गई है ?
*पुरानी रंजिश पर बुजुर्ग के साथ मारपीट*
गुना जिले के सिटी कोतवाली थानांर्तगत बूढ़े बालाजी निवासी एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ पुरानी रंजिश को लेकर मारपीट कर दी गई। उसके सिर पर गंभीर चोटें आई हैं। बुजुर्ग ने मामले की शिकायत सिटी कोतवाली थाने में की है। लेकिन अबतक कोई कार्यवाही नही की गई है। आरोपी आये दिन पीड़ित बुजुर्ग को जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। बुजुर्ग ने कलेक्टर को भी आवेदन दिया है और आरोपियों पर सख्त कार्यवाही करने की मांग की है। मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर एसपी, गुना से घटना के संबंध में पूर्ण प्रतिवेदन मांगा है।
*साहब मैं जिंदा हूं लेकिन अधिकारियों को लगता है कि मैं भूत हूं…..*
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने शाजापुर जिले की एक घटना पर संज्ञान लिया है। जिसमें एक जिंदा व्यक्ति स्वयं को जिंदा साबित करने के लिये दो सालों से विभाग-विभाग भटक रहा है। शाजापुर जिले के ग्राम कोहलिया निवासी किसान भोजराज पिता जसमतसिंह मेवाड़ा ने कलेक्टर को अपनी पीड़ा सुनाते हुए दोषियों पर कार्यवाही करने की मांग करते हुए उसे न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। किसान भोजराज ने अपने आवेदन में कहा है कि उसे मिलने वाली पीएम सम्मान निधि की राशि बीते दो सालों से बंद कर दी गई है, क्योंकि अधिकारियों ने उसे मृत घोषित कर दिया है। अब जबकि वह जिंदा है, उसे खुद के जीवित होने का प्रमाण-पत्र शासन को देना पड़ रहा है। उसे न्याय दिलाकर उसकी पीएम सम्मान निधि फिर से प्रारंभ की जाये। मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर शाजापुर से घटना की जांच कराकर पूर्ण प्रतिवेदन मांगा है।