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काशी में ही अपना चुनाव प्रचार खत्म करेंगे मोदी, 2017 वाले फॉर्मूले से साधेंगे पूर्वांचल

लोकसभा चुनाव 2019 की लड़ाई अब अंतिम दौर में है. सातवें और आखिरी चरण के लिए 19 मई को मतदान है तो वहीं अब नज़र उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से है. इस सीट से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में हर कोई यहां नज़र गढ़ाए बैठे है. आखिरी चरण के लिए पूरे देश में प्रचार खत्म करने के बाद पीएम 17 मई को काशी में रैली कर सकते हैं. ये इस बार के चुनाव प्रचार की आखिरी सभा भी हो सकती है.

नामांकन करने जब पीएम वाराणसी पहुंचे थे तो उन्होंने मेगा रोड शो किया था और दो दिन के प्रवास में कुछ सभाएं भी की थीं. तभी प्रधानमंत्री ने काशीवासियों से कहा था कि अब वह विजय का धन्यवाद करने ही काशी आएंगे. ऐसे में अब लोकसभा चुनाव 2019 के प्रचार का आखिरी संबोधन करने मोदी अपने ही संसदीय क्षेत्र में पहुंच रहे हैं.

दरअसल, 16 मई की शाम को प्रधानमंत्री पूर्वांचल के मिर्ज़ापुर में रैली करेंगे. इसके बाद वह वाराणसी ही जाएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री बतौर प्रत्याशी आखिरी कुछ दिन वाराणसी में रुक सकते हैं. गौरतलब है कि मतदान के दिन जो व्यक्ति वाराणसी का निवासी नहीं है वह शहर में नहीं रुक सकता है, लेकिन जो भी प्रत्याशी हैं वह जरूर शहर में रुक सकते हैं.

फिर दोहराया जाएगा विधानसभा चुनाव का फॉर्मूला!

ऐसा पहली बार नहीं होगा जब पीएम मतदान से ठीक पहले वाराणसी में रुकेंगे. इससे पहले जब यूपी में विधानसभा चुनाव थे, तब भी पूर्वांचल में मतदान से पहले प्रधानमंत्री ने तीन दिन वाराणसी में ही गुजारे थे. और पूर्वांचल में बीजेपी को बड़ी जीत हासिल हुई थी. अब यही फॉर्मूला इस बार लोकसभा चुनाव में भी अपनाया जा रहा है, क्योंकि आखिरी चरण में यूपी में सिर्फ पूर्वांचल की सीटों पर ही मतदान होना है.

पहले ही पहुंचने लगे हैं दिग्गज!

प्रधानमंत्री के पहुंचने से पहले ही काशी में बीजेपी के दिग्गजों को जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार वाराणसी का दौरा कर रहे हैं, तो वहीं कई केंद्रीय मंत्री, बीजेपी के रणनीतिकार भी वाराणसी में अपना डेरा जमा चुके हैं.

गौरतलब है कि इस बार बीजेपी और पीएम मोदी का लक्ष्य वाराणसी की जीत को ऐतिहासिक बनाने का है. पिछले चुनाव में प्रधानमंत्री करीब पौने तीन लाख वोटों से जीते थे और दूसरे नंबर पर अरविंद केजरीवाल रहे थे.

लड़ने वालों में कई शामिल

वाराणसी में इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ने वालों का भी जमावड़ा लगा है. पहले खबरें थीं कि यहां से प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ सकती हैं, लेकिन बाद में कांग्रेस ने अजय राय को मैदान में उतार दिया. BSF के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यहां चुनाव लड़ने पहुंचे तो उनका नामांकन ही रद्द हो गया. उनके अलावा शालिनी यादव, पूर्व जज और कई किसान भी चुनावी मैदान में वाराणसी से दम भर रहे हैं.

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