* बैरासिया क्षेत्र के कृषकों से भरवाए मुख्यमंत्री ब्याज माफी योजना के आवेदन
(राजेन्द्र शर्मा)
आम सभा, बैरसिया।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किसानों के लिए सबसे बड़ी योजना मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना 2023 के अंतर्गत आवेदन प्राप्ति अभियान का 14 मई को शुभारम्भ किया है।
उसी के पालन में क्षेत्रीय विधायक विष्णु खत्री द्वारा कोआपरेटिव सेंट्रल बैंक शाखा बैरसिया द्वारा आयोजित कृषक ब्याज माफी योजना 2023 के अंतर्गत आवेदन प्राप्ति अभियान का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक विष्णु खत्री ने कहा कि पूर्व में ऋण माफी की उम्मीद में बहुत से किसान डिफाल्टर और सोसायटी से खाद बीज लेने से बंचित हो गए थे। ऐसे किसानों की परेशानियों को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के किसानों के लिए कृषक ब्याज माफी योजना 2023 शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों से सम्बंध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के ऐसे कृषक जिन पर 31 मार्च 2023 की स्तिथि मै मूलधान और व्याज सहित कुल 2 लाख रुपये देने बाकी है। और जो डिफाल्टर है।उन किसानों की राशि सरकार द्वारा माफ कर दी जाएगी। इस योजना से प्रदेश के लगभग 11 लाख 19 हजार डिफाल्टर किसानों को योजना का लाभ मिलेगा। राज्य सरकार 2200 करोड़ रुपये सेअधिक राशि का व्याज माफ करेगी। और इस राशि की क्षतिपूर्ति राज्य सरकार करेगी।
भोपाल कोआपरेटिव सेंट्रल बैंक शाखा बैरसिया के प्रबंधक समी उल्ला कुरेशी ने बताया कि भोपाल सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक से सम्बंध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति ललरिया,सोहाया, पीपलखेड़ा,बबचिया,ललाई,एवं बैरसिया के डिफाल्टर कृषको से मुख्यमंत्री ब्याज माफी योजना 2023 के अंतर्गत आवेदन लेना प्रारम्भ कर दिया गया है।बैरसिया क्षेत्र की सभी समितियों से 2196 किसानों के 58584553 का कर्ज माफ होगा।
इस अवसर पर पूर्व भोपाल कोआपरेटिव सेंट्रल बैंक के पूर्व अध्यक्ष विजय तिवारी वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व नपा अध्यक्ष राजमल गुप्ता पूर्व जिला ग्रामीण अध्यक्ष गोपाल सिंह मीणा जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि कुबेर सिंह गुर्जर वरिष्ठ भाजपा नेता गोपाल आगर नगर मंडल अध्यक्ष आशीष सारडा कृषक सेवा सहकारी समिति बैरसिया के पूर्व अध्यक्ष हमीर सिंह ठाकुर भोपाल कोआपरेटिव सेंट्रल बैंक के एम डी आर के हजारी बैंक के कर्मचारी बहादुर सिह जाट भगवान सिंह दांगी रघुवीर सिंह ठाकुर सहित बड़ी संख्या में कृषक मौजूद थे।