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आर्थिक विकास का इंजन बनेगा खनन क्षेत्र : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश खनन और खनिज संसाधनों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में उभरा है। प्रदेश खनिजों की प्रचुरता और सरकार की निवेश अनुकूल नीतियों के कारण देश की औद्योगिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। खनन क्षेत्र न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करेगा, बल्कि देश के औद्योगिक विकास और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत मिशन में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा खनन के क्षेत्र में सतत विकास हो रहा है। इससे न केवल आर्थिक विकास हो रहा है, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जीआईएस-भोपाल में खनन एवं खनिज संसाधन के अंतर्गत 3.22 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें 55 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा, जो प्रदेश के लिये बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने कहा कि सरकार की सक्रिय नीतियों से खनन क्षेत्र निवेश, औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन में नई ऊँचाइयों को छू रहा है। राज्य खनन उद्योग में देश का अग्रणी केन्द्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

जीआईएस में निवेश करने वाली कम्पनियाँ और उनके क्षेत्र

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि खनन क्षेत्र में देश की लीडिंग कम्पनियों ने रुचि दिखाई है। आने वाले समय में अडानी ग्रुप, रीवा, जबलपुर में, गोल्ड क्रेस्ट सीमेंट प्रायवेट लिमिटेड उज्जैन में, ऑरो कोल प्रायवेट लिमिटेड शहडोल में, आदित्य बिड़ला, ईएमआईएल माइंस एण्ड मिन रेस लिमिटेड रीवा में, अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड, आदित्य बिड़ला ग्रुप रीवा में, स्टॉक्स वर्क्स प्रायवेट लिमिटेड जबलपुर में, सारदा एनर्जी एण्ड मिनरल्स लिमिटेड शहडोल में, जे.के. सीमेंट लिमिटेड शहडोल में, प्राइम-4 इंस्पेक्शन एलएलसी भोपाल में, रेकन केमिकल्स इंदौर में, बिड़ला कॉर्पोरेशन लिमिटेड रीवा में और रामदास वर्मा एण्ड कम्पनी शहडोल में खनिज के क्षेत्र में कार्य करेगी।

खनिज संसाधनों में अग्रणी राज्य मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश कॉपर अयस्क, मैग्नीशियम अयस्क और हीरे के उत्पादन में भारत में प्रथम स्थान पर है। यह देश का एकमात्र हीरा उत्पादक राज्य है, जो खनन उद्योग में एक विशिष्ट पहचान दिलाता है। प्रदेश रॉक फॉस्फेट में दूसरा, चूना पत्थर (लाइम स्टोन) में तीसरा और कोयला उत्पादन में चौथे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खनिज संसाधन थर्मल पॉवर प्लांट, सीमेंट निर्माण, फेरोएलॉय, संगमरमर कटिंग और पॉलिशिंग इकाइयों तथा रिफैक्ट्री उद्योगों के विकास में सहायक है। इससे खनिज उद्योगों को निरंतर बढ़ावा मिल रहा है और मध्यप्रदेश खनन और औद्योगिक विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

खनन ब्लॉक नीलामी में ऐतिहासिक उपलब्धि

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश ने खनन ब्लॉक नीलामी में ऐतिहासिक उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं। निवेश अनुकूल नीतियों के कारण वर्ष 2023 में 85 खनन ब्लॉकों की रिकॉर्ड नीलामी कर देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया। मध्यप्रदेश को जुलाई-2022 में भारत सरकार द्वारा खनिज नीलामी में सर्वोत्तम प्रदर्शन के लिये प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। साथ ही लौह-अयस्क, चूना पत्थर और बॉक्साइट के खनिज नीलामी में दूसरा स्थान प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को वर्ष-2024 में दूसरे राज्य खनन मंत्रियों के सम्मेलन में खनन ब्लॉक नीलामी और सक्रिय खनन पहल के सम्मानित किया गया है। यह राज्य की खनन क्षेत्र में उत्कृष्टता और दूरदर्शी नीतियों को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निवेश अनुकूल नीतियाँ बनाते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने खनन के क्षेत्र में सरल और पारदर्शी प्रक्रियाएँ सुनिश्चित की हैं, जिससे घरेलू और विदेशी निवेशकों के लिये आकर्षक अवसर उपलब्ध हों। मजबूत अधोसंरचना विकास के अंतर्गत राज्य में खनन हब सड़क, रेल और बंदरगाह उत्कृष्ट रूप से जुड़े हुए हैं। इससे परिवहन और निर्यात में आसानी होगी। राज्य में प्रशिक्षित श्रमिकों की प्रचुर उपलब्धता है, जो खनन और खनिज आधारित उद्योगों की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में सरकार पर्यावरण संवेदनशील और सतत खनन प्रथाओं को बढ़ावा दे रही है। इससे प्राकृतिक संसाधनों का संतुलित उपयोग होगा।

कॉपर और रणनीतिक खनिज अन्वेषण के लिये एमओयू से सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा

जीआईएस-भोपाल में मध्यप्रदेश सरकार, एमपी स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड ने मिलकर नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (एनएमईटी) फण्ड का उपयोग करने के लिये एक समझौता ज्ञापन एमओयू हुआ। इस पहल से हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड तांबे और अन्य रणनीतिक खनिजों के अन्वेषण का नेतृत्व करेगा। खनिज निष्कर्षण व्यवहारिक पाया जाता है, तो 51:49 की भागीदारी के साथ एक संयुक्त उद्यम स्थापित किया जायेगा। इससे पहले 5 वर्षों में सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा। जीआईएस भोपाल मध्यप्रदेश को खनन क्षेत्र में सिरमौर राज्य बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।