लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के सामने महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया है. बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को मिली जबरदस्त सफलता ने उन लोगों को करारा झटका दिया है जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जनादेश की चोरी का आरोप लगाते थे. लोकसभा चुनाव नतीजों के हिसाब से देखें तो बिहार के 243 विधानसभा क्षेत्रों में से एनडीए को 225 जबकि महागठबंधन को महज 18 सीटों पर ही बढ़त हासिल हुई.
मुख्य विपक्षी दल आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव बार-बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जनादेश की चोरी का आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में जिस प्रकार एनडीए ने प्रदर्शन किया उसके बाद अब आरजेडी के इस आरोप में दम नहीं बचेगा. 2015 का विधानसभा चुनाव आरजेडी ने नीतीश कुमार के साथ मिलकर लड़ा था और बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाई थी, लेकिन तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बेनामी सम्पति के मामले में सीबीआई जांच होने के बाद यह गठबंधन टूट गया और नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर रातों-रात बिहार में एनडीए की सरकार बना ली.
इसके बाद जुलाई 2017 में हुए महापरिवर्तन के बाद सत्ता में रही आरजेडी विपक्ष में आ गई. वहीं सत्ता से बेदखल हुए आरजेडी ने लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जनादेश चोरी करने का आरोप लगाया. लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान तेजस्वी यादव ने अपनी जनसभाओं में यही आरोप दोहराते रहे कि जिस जनादेश पर नीतीश कुमार बिहार के मुख्य्मंत्री बने हैं, उसके असली हकदार हम हैं. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि नीतीश हमारे जनादेश पर बिहार में राज कर रहे हैं. बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी को 80 सीटों पर जीत मिली थी.
वहीं इस बार लोकसभा चुनाव में बिहार में एनडीए ने 39 सीटों पर सफलता हासिल की है. जबकि एक सीट (किशनगंज) पर कांग्रेस को जीत मिली है वहीं पहली बार ऐसा हुआ कि आरजेडी के एक भी सांसद का खाता तक नहीं खुला. वहीं अगर विधानसभा में बढ़त के हिसाब से देखें तो विधानसभा की सिर्फ 18 सीटों पर महागठबंधन आगे है. प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के क्षेत्र राघोपुर में सिर्फ 242 वोटों से आरजेडी को बढ़त मिली है.
इसके अलावा मुकेश सहनी की वीआईपी को एक भी विधानसभा सीट पर बढ़त नहीं मिली जबकि लोकसभा की पांच सीटों पर चुनाव लड़ने वाली उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा को सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र में बढ़त मिली है. आरजेडी को 9 और कांग्रेस को मात्र 5 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली है. जबकि हम को 2 और माले को सिर्फ 1 सीट पर बढ़त मिली है.
निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक एनडीए के घटक दलों को 225 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली है. इसमें बीजेपी को 96, जदयू को 94 और लोजपा को 35 सीटों पर बढ़त मिली है. नेता विपक्षी दल तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर में मात्र 242 वोटों की बढ़त आरजेडी को मिली है. मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में मात्र मोकामा में कांग्रेस को 869 वोटों की बढ़त मिली है.
रालोसपा को काराकाट लोकसभा क्षेत्र में सिर्फ गोह विधानसभा क्षेत्र में बढ़त मिली है, जबकि हम के उपेंद्र प्रसाद को औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के रफीगंज और गुरुआ विधानसभा में बढ़त मिली है. माले को सिर्फ आरा के अगिआंव विधानसभा क्षेत्र में बढ़त मिली है. कांग्रेस के तारिक अनवर को कटिहार के बलरामपुर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 54 हजार की बढ़त मिली है.
पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के मनेर, मसौढ़ी और पालीगंज विधानसभा क्षेत्र में आरजेडी की मीसा भारती को बढ़त मिली है, जबकि जहानाबाद में आरजेडी के सुरेंद्र यादव को जहानाबाद, घोसी और मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र में बढ़त मिली है. अररिया लोकसभा क्षेत्र के अररिया और जोकीहाट में आरजेडी को बढ़त मिली है.
किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में कांग्रसे के मो. जावेद निर्वाचित हुए हैं, उन्हें सिर्फ अमौर और बायसी विधानसभा क्षेत्र में बढ़त मिली है. आरजेडी के प्रमुख नेता और विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी, चंद्रिका राय, ललित यादव, तेज प्रताप यादव, सुरेंद्र यादव अपने विधानसभा क्षेत्रों में पिछड़ गए हैं. वहीं हम के जीतनराम मांझी भी अपने विधानसभा में पीछे रहे.