नई दिल्ली
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती भले गेस्ट हाउस कांड की कड़वी यादों को भुलाकर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन प्रधानमंत्री बनने के उनके ‘सपने’ को पूरा करने में अखिलेश यादव साथ देंगे या नहीं यह अबतक साफ नहीं हो पाया है। एक टीवी इंटरव्यू में अखिलेश से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने गोल-मोल जवाब दिया और कहा कि इसपर फैसला 23 मई के बाद होगा।
दरअसल, मायावती ने सोमवार को इशारों-इशारों में पीएम बनने की अपनी चाहत फिर से दिखाई थी। उन्होंने आंबेडकरनगर में प्रचार के दौरान कहा कि अगर उन्हें दिल्ली जाने का मौका मिलेगा तो वह इसी सीट से चुनाव लड़ेंगी। दरअसल आंबेडकरनगर मायावती की पुरानी सीट है। मायावती यहीं से चुनाव लड़ती रही हैं। या यूं कह लें कि जब मायावती इस सीट से चुनाव नहीं लड़ीं तब भी बीएसपी के खाते में ही यह सीट रही।
मायावती पर एक टीवी इंटरव्यू में अखिलेश यादव से सवाल किया गया कि अगर माया को पीएम बनने का चांस मिलता है तो क्या वह उन्हें सपॉर्ट करेंगे? इसपर अखिलेश ने सवाल को टालना चाहा। फिर उन्होंने कहा कि मायावती को इसके लिए समर्थन जुटाना होगा। फिर उन्होंने कहा कि इसपर 23 मई को फैसला होगा और जो भी होगा उसे समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन मिलकर तय करेगा।
‘बनारसवाले ने बहुत नुकसान किया’
टीवी इंटरव्यू में अखिलेश ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश से किसी को प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं। इसपर उनसे सवाल किया गया कि क्या वाराणसी से किसी को (मोदी) बनते देखना चाहेंगे? इसपर अखिलेश ने कहा कि नहीं बनारसवाले को नहीं बनना चाहिए क्योंकि उन्होंने देश का बहुत नुकसान किया है।