दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 8वीं से 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स को ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में मैथिली भाषा पढ़ाई जाएगी. पहले से पंजाबी और उर्दू भाषा भी ऑप्शनल सब्जेक्ट की तरह पढ़ाई जा रही है. ये जानकारी दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर दी. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘दिल्ली सरकार के स्कूलों में मैथिली भाषा की पढ़ाई शुरू होगी. 8 वीं से 12वीं क्लास के बच्चे मैथिली को एक सबजेक्ट के रूप में ले सकेंगे. इसके साथ ही दिल्ली सरकार आईएएस और अन्य सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए भी मैथिली विषय की कोचिंग उपलब्ध कराएगी.’
जो छात्र मैथिली को वैकल्पिक विषय के तौर पर चुनेंगे, उनके लिए दिल्ली सरकार इस भाषा के लिए आईएएस की तैयारी की मुफ्त कोचिंग का प्रबंध करेगी. मैथिली की तरह ही भोजपुरी भाषा पढ़ाने की बात करें तो वह भाषा स्कूलों में नहीं पढ़ाई जा सकती. क्योंकि यह भाषा संविधान की आठवीं सूची में शामिल नहीं है. दिल्ली सरकार, केंद्र से भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का भी अनुरोध करेगी.
बता दें कि दिल्ली में करीब 60 से 70 लाख मैथिली एवं भोजपुरी भाषी लोग हैं. दिल्ली सरकारी मैथली-भोजपुरी अकादमी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराएगी. मैथली भाषा का कम्प्यूटर फॉन्ट बनवाया जाएगा. सरकार की तरफ से मैथली-भोजपुरी के अवार्ड भी शुरू किए जाएंगे. इसके अंतर्गत सरकार कुल 12 अवार्ड देगी. पांच दिन का मैथली-भोजपुरी उत्सव भी आयोजित होगा, जिसका आयोजन दिल्ली के कनॉट प्लेस में होगा.