– आर्यमन को किया चुनाव प्रचार से अलग
– महाराज के साथ मंच साझा नहीं कर रहे शिवराज
आम सभा, विशाल सोनी, चंदेरी।कहते हैं कि जब रणभूमि में युद्ध अपने चरम पर हो तो सेनानायक अपनी पूरी सेना के साथ मैदान में सैनिकों का हौसला बढ़ाता है। दरअसल मध्यप्रदेश में होने वाली 28 सीटों की उपचुनाव के 10वें नंबर के भाजपा के स्टार प्रचारक ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ऐनवक्त पर भाजपा में उचित सम्मान नहीं मिलने के कारण दूरी बनाए हुए हैं। जिसकी वजह से सिंधिया समर्थक की बैचैनी बढ़ने लगी है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब कांग्रेस छोड़ी थी,जब कहा था कि,… उसूलों पर जहां आंच आए टकराना ज़रूरी है.
जो जिंदा हो तो जिंदा नज़र आना ज़रूरी है।।।।
भाजपा में आने के बाद सिंधिया जी को साइड लाइन किया जाने लगा है।पहले तो वीडियो रथ से उनकी फोटो गायब कर दी।रही सही कसर उन्हें पार्टी ने दसवें नंबर का स्टार प्रचारक बना कर पूरी कर दी।
आर्यमन को चुनाव प्रचार से दूर किया
जिस दिन स्टार प्रचारक की भाजपा ने लिस्ट जारी की उसके अगले दिन ही मुंगावली विधानसभा में शिवराज सिंह जी के सुपुत्र कार्तिकेय और सिंधिया जी के सुपुत्र आर्यमन सिंधिया दोनों चुनाव प्रचार में मंच साझा करने वाले थे। पर वीडियो रथ ओर स्टार प्रचारक में उचित सम्मान नहीं मिलने के कारण सिंधिया जी ने अपने पुत्र आर्यमन सिंधिया को चुनाव प्रचार से दूर कर लिया और अभी तक उनके पुत्र कहीं नजर नहीं आये। जबकि कार्तिकेय चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा जी के सुपुत्र, गोपाल भार्गव जी के सुपुत्र अभिषेक भार्गव प्रतिदिन चुनाव प्रचार में नये नये बयान देकर चर्चा में बने हुए हैं।
सिंधिया जी पूरब तो शिवराज जी पश्चिम में कर रहे प्रचार
वहीं शुरू शुरू में ही शिवराज महाराज ने एक दो जनसभा में ही मंच साझा कर शिवज्योति रथ की आवाज गूंज पाई। इसके बाद दोनों साथ नजर नहीं आ रहे हैं।कारण जो भी हो पर देखने में आ रहा है सिंधिया जी जब प्रचार में पूरब दिशा में तो शिवराज जी पश्चिम दिशा में अपनी चुनावी रैली करते नजर आ रहे हैं।साझा रैली न होने के कारण समर्थक असमंजस में हैं।
सिंधिया जी कैरियर दांव पर
सिंधिया जी का भले वीडियो रथ में फोटो न हो और भले कोई से नंबर के स्टार प्रचारक भाजपा बनाये पर यह उपचुनाव सिंधिया जी भविष्य तय करने वाले हैं। सिंधिया जी की इज्जत दांव पर है तो अकेले ही पूरे दमखम से चुनाव मैदान में डटे हुए हैं और मतदाताओं से भावुक अपील भी कर रहे हैं कि यह चुनाव किसी पार्टी का न होकर सिंधिया परिवार और सिंधिया के झंडे का चुनाव है और सिंधिया परिवार के झंडे की इज्जत की लाज रखना है।