*काटजू अस्पताल के अधीक्षक पर प्रताड़ना के आरोप
आम सभा,भोपाल।
भोपाल शहर स्थित कैलाश नाथ काटजू अस्पताल में पदस्थ एक महिला चिकित्सक डाॅ. जरीना खान ने अधीक्षक कर्नल प्रवीण सिंह पर मानसिक रूप प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। पीड़िता का कहना है कि अधीक्षक आये दिन उनके साथ अभद्र व्यवहार करते हैं। इसकी शिकायत करने पर उन्हें मानसिक रूप प्रताड़ित किया जा रहा है। सीएमएचओ को भी इस बारे में पता है, परंतु इसके बावजूद भी अधीक्षक की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं आया है। अधीक्षक पीड़िता को पुरूष मरीजों को देखने के लिये कहते हैं। अधीक्षक रात को शराब पीकर अस्पताल आते हैं और सभी से अभद्र व्यवहार करते हैं। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं, मप्र, भोपाल से मामले की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
*मां की गोद में 6 माह के बेटे की मौत, सरकारी एंबुलेंस व्यस्त थी, तीन घंटे बाद पंहुची*
दतिया जिले के इंदरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से जिला अस्पताल दतिया रेफर किये गये एक 6 माह के बच्चे की उसकी मां की गोद में ही मौत हो गई। बच्चा जबतक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, इंदरगढ़ में था, तबतक जिंदा था। उसकी हालत गंभीर होने पर डाॅक्टर्स उसे जिला अस्पताल ले जाने को कहा। सरकारी एंबुलेंस को फोन लगाया गया, पर वह व्यस्त थी, इसलिये काॅल करने के तीन घंटे बाद इंदरगढ़ पंहुची। विधायक निधि की दो एंबुलेंस भी इंदरगढ़ अस्पताल परिसर में खड़ी थीं, लेकिन उसमें पेट्रोल डलाने के पैसे बच्चे की मां के पास नहीं थे। आखिरकार बच्चे ने मां की गोद में ही दम तोड़ दिया। बीएमओ कहते हैं कि जो हुआ, उसमें हम क्या करें ? मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर कलेक्टर एवं सीएमएचओ, दतिया से मामले की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। आयोग ने इन दोनों अधिकारियों से यह भी पूछा है कि 108 एंबुलेंस विलंब से क्यंू पंहुची ? विधायक द्वारा उपलब्ध कराई गईं दो एंबुलेंस का उपयोग क्यंू नहीं किया गया ? ऐसी एंबुलेंस में पेट्रोल हमेशा उपलब्ध रहे, इसकेे लिये क्या व्यवस्था है ? बिना पेट्रोल की व्यवस्था के ऐसी दोनों एंबुलेंस की अस्पताल में क्या उपयोगिता और औचित्य है ? इन सभी बिन्दुओं पर स्पष्ट प्रतिवेदन दें।
*झोलाछाप डाॅक्टर के गलत इलाज से मरीज की मौत, ग्रामीणों ने हाइवे पर शव रखकर लगाया जाम*
सागर जिले के देवरी क्षेत्र में एक झोलाछाप डाॅक्टर के गलत इलाज और गलत इंजेक्शन लगाने से एक मरीज की मौत हो गई। घटना से गुस्साये मृतक के परिजनों एवं क्षेत्रीय ग्रामीणों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर शव रखकर भारी जाम लगा दिया। ग्रामीणों ने क्षेत्र में डाॅक्टर्स की कमी और बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के लिये सरकार के खिलाफ नाराजगी व्यक्त कर नारेबाजी की। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर कलेक्टर एवं सीएमएचओ, सागर से मामले की जांच कराकर ऐसे अनाधिकृत झोलाछाप डाॅक्टर के विरूद्ध की गई कार्यवाही के संबंध में एक माह में जवाब/प्रतिवेदन मांगा है।
*सेल्समैन की मनमानी से परेशान ग्रामीण, एसडीएम व कलेक्टर से कर चुके हैं शिकायत, नहीं होती कार्यवाही*
दमोह जिले के पथरिया ब्लाॅक की ग्राम पंचायत जगथर में स्थापित राशन दुकान के सेल्समैन की मनमानी और स्वेच्छाचारितापूर्ण कार्यप्रणाली से पूरे ग्राम पंचायत के ग्रामीण परेशान हैं। ग्राम पंचायत की राशन दुकान कभी भी समय पर नहीं खुलती। ग्रामीणों को समय पर अनाज नहीं मिलता। सेल्समैन राशन दुकान बंद कर यहां-वहां नेतागिरी करता हुआ घूमता रहता है और कार्डधारी दुकान में राशन के लिये इंतजार करते रहते हैं। ग्रामीण सेल्समैन की कई बार एसडीएम और कलेक्टर से भी शिकायत कर चुके हैं, पर राजनैतिक रसूख के चलते सेल्समैन पर कोई कार्यवाही अबतक नहीं हुई है। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर कलेक्टर, दमोह से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के बारे में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
*बूंद-बूंद पानी को तरस रहे खिलाड़ी, स्टेडियम का एकमात्र वाटर कूलर बंद*
मंडला शहर के महात्मा गांधी स्टेडियम में भारी अव्यवस्थाएं हैं। स्टेडियम जहां-तहां से खुदा पड़ा है, इससेे बच्चे चोटिल होते हैं। भीषण गर्मी में यहां यह आलम है कि यहां आने वाले खिलाड़ियों को पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। स्टेडियम परिसर में एक वाटर कूलर स्थापित है, परंतु वह भी बंद पड़ा है। खिलाड़ी स्वयं का पानी लेकर आते हैं, पर इसके बाद भी यदि प्यास लगती है तो पानी का कोई इंतजाम नहीं है। जिला प्रशासन एवं खेल विभाग की यह लापरवाही खिलाड़ियों पर भारी पड़ रही है। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर कलेक्टर, मंडला से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।