*13 हजार का होना है रजिस्ट्रेशन, मेडिकल सर्टिफिकेट देने के लिये सिर्फ एक डाॅक्टर
एक जुलाई से 31 अगस्त तक चलने वाले अमरनाथ यात्रा के लिये यात्रियों के रजिस्टेªशन 17 अप्रैल से शुरू हो गये हैं। यात्रियों को रजिस्टेªशन के साथ अपना मेडिकल सर्टिफिकेट भी जमा करना हैं, परंतु यह मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के लिये यात्रियों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अभी करीब 13 हजार से ज्यादा लोगों का रजिस्टेªशन होना संभावित है। इन यात्रियों को मेडिकल सर्टिफिकेट देने के लिये जय प्रकाश अस्पताल, भोपाल में चार डाॅक्टर अधिकृत हैं, परंतु फिलहाल एक डाॅक्टर ही काम कर रहे हैं। जिन चार डाॅक्टरों को इस कार्य के लिये अधिकृत किया गया है, उनमें से तीन डाॅक्टर किसी छुटटी या किसी अन्य ड्यूटी पर हैं, एक का तबादला हो गया है। इस वजह से अमरनाथ यात्रा में जाने वाले यात्री परेशान होे रहे हैं। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर सीएमएचओ, भोपाल एवं अधीक्षक जे.पी. अस्पताल, भोपाल से मामले की जांच कराकर यथाशीघ्र समस्या का समाधान कर एक सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।
*शवगृह में नहीं था डेड बाॅडी फ्रीजर, परिजन 800 रूपये में लेकर आए बर्फ*
जिला अस्पताल दमोह में बीते सोमवार की रात भारी अव्यवस्था का एक मामला सामने आया है। यहां शवगृह डेड बाॅडी फ्रीजर न होने के कारण मृतक के परिजनों को 800 रूपये में बर्फ की सिल्ली बाजार से खरीदकर लाना पड़ा, तब शव को बर्फ पर रखकर शवगृह में रखा गया। बताया गया कि इस जिला चिकित्सालय में तीन फ्रीजर हैं, जिनमें से दो खराब हैं। मृतक के परिजनों का कहना था कि वे रात्रि करीब साढ़े सात बजे जिला चिकित्सालय पंहुचे थे, पर यहां कोई व्यवस्था नहीं मिली। शव को बर्फ पर रखा, फिर लखन पटेल ने रात दस बजे फ्रीजर उपलब्ध कराया। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर सीएमएचओ, दमोह से मामले की जांच कराकर जिला चिकित्सालय, दमोह में उपलब्ध सभी डेड बाॅडी फ्रीजर्स के कार्यशील/उपयोगयोग्य होना सुनिश्चित कर तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।
*स्कूल जाने के लिए तैरना जरूरी, इलाज कराने के लिये खाट जरूरी*
विदिशा जिले की बरोदिया के ग्राम पंचायत में सरकार की लोकहितकारी योजनाओं का अंशमात्र भी नही पंहुच पाया है। यहां के बच्चे स्कूल जाने के लिये एक नदी को तैरकर पार करते हैं, तब स्कूल पंहुचते हैं। इसी प्रकार यदि गांव में किसी की तबीयत खराब हो जाये, तो उसे इलाज कराने के लिये बीस किलोमीटर दूर शमशाबाद अस्पताल तक ले जाने केे लिये मरीज को खाट पर लिटाकर अस्पताल ले जाया जाता है। कलेक्टर, विदिशा का कहना है कि इस गांव की समस्या का निदान कर विकास कार्य करायेंगे। नदी पर पुल बनाने के लिये इंजीनियर्स से परीक्षण करायेंगे। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर ंकलेक्टर, विदिशा से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में एक माह में प्रतिवेदन मांगा है। साथ ही यह भी कहा है कि गांव में सरकार की विभिन्न योजनाओं के संबंध में बरोदिया ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांव के निवासियों के आधार पर हितग्राहियों की वास्तविक संख्यां और उन्हें योजनओं का लाभ दिलाने के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में भी एक माह में प्रतिवेदन दें।
*प्रधानमंत्री आवास योजना में मजदूरी की राशि हड़पने का सचिव ने अपनाया नया तरीका*
गुना जिले की आरोन जनपद पंचायत के अंतर्गत भ्रष्टाचार का जमकर खेल खेला जा रहा है। ग्राम पंचायत झितिया के सचिव ने तो कुछ ज्यादा ही अति कर दी है। वह प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों का पैसा हड़प कर लेता है। गांव के लोगों ने कलेक्टर, गुना को बीते मंगलवार को हुई जनसुनवाई में यह शिकायत दर्ज कराई है कि ग्राम पंचायत झितिया के सचिव गजेन्द्र सिंह यादव ने हितग्राहियों की कुटीर के 30-30 हजार रूपये हड़प लिये हैं। वह हितग्राहियों को मिलने वाली आवास की राशि किसी अन्य खाते में ट्रांसफर करा लेता है और फिर स्वयं उस खाते से राशि निकाल लेता है। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर ंकलेक्टर, गुना से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।
*लाईनमेन विद्युत पोल से गिरा, मौत*
मंदसौर जिले के नारायणगढ़ कस्बे में बीते रोज बिजली सुधारने विद्युत पोल पर चढ़ा एक लाईनमेन अचानक पोल से गिर गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, पर उसकी मौत हो गई। घटना से गुस्साये मृतक के परिजनों ने शव लेने से इन्कार कर दिया। वे बिजली कंपनी से मुआवजे की मांग और मृतक के परिवार से एक व्यक्ति को स्थायी नौकरी देने की मांग करने लगे। प्रशासन ने बड़ी जद्दोजहद के बाद शव का पीएम कराया। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर कार्यपालन यंत्री/महाप्रबंधक, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, मंदसौर से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही, मृतक के वैध वारिसों को देय मुआवजा राशि तथा सुरक्षा संबंधी उपकरणों के बिना कर्मचारियों से कार्य कराये जाने के संबंध में त्रुटिकर्ता अधिकारियों केे विरूद्ध की गई कार्यवाही के बारे में एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।
*मप्र मानव अधिकार आयोग में आवेदन लगाने पर आवेदक को मिली अनुकंपा नियुक्ति*
मप्र मानव अधिकार आयोग में आवेदन लगाने पर एक आवेदक को उसके स्वर्गीय पिता के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति मिल गई है। मामला बालाघाट जिले का है। बालाघाट शहर के वार्ड नं. 11, मिशन कंपाउंड, भटेरा रोड निवासी/आवेदनकर्ता अनुजय पटोले पिता स्वगीय श्री जोयेथ पटोले ने आयोग में मार्च, 2022 में आवेदन लगाया था कि उसके पिता बालाघाट शहर में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला, ढीमरटोला में सहायक शिक्षक के पद पर थे। बीमारी के चलते उसके पिता की 02 जनवरी, 2019 को मृत्यु हो गई। पिता की मृत्यु हुये तीन वर्ष बीत चुके हैं। उसने अपने पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र सहित अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिये उसकी स्वयं की योग्यता संबंधी सभी दस्तावेज भी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, बालाघाट में जमा करा दिया है। इसके बावजूद भी उसे अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली है। उसने आयोग से अनुकंपा नियुक्ति दिलाने की मांग की थी। आवेदन मिलने पर आयोग ने प्रकरण दर्ज कर लिया। आयोग के प्रकरण क्रमांक 2104/बालाघाट/2022 में आयोग ने सीधे कलेक्टर, बालाघाट से जवाब-तलब किया। आयोग में इस मामले की कार्यवाही निरंतर जारी रही। पत्राचार चलता रहा। कलेक्टर, बालाघाट ने बताया कि शिक्षा विभाग में सहायक ग्रेड-3 का पद रिक्त नहीं है। अतः किसी अन्य विभाग में अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकती है। आयोग ने यथाशीघ्र आवेदक को अनुकंपा नियुक्ति देने को कहा। अंततः कलेक्टर, बालाघाट ने आयोग को अन्तिम प्रतिवेदन दिया है कि आवेदक अनुजय पटोले को सहायक ग्रेड-3 के पद पर कार्यालय जिला कार्यक्रमम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, बालाघाट में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान कर दी गई है। चूंकि आवेदक को अनुकंपा नियुक्ति मिल चुकी है, अतः आयोग में भी यह मामला समाप्त कर दिया गया है।