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दुनिया को कोविड-मुक्त बनाने के लिए लिविंगार्ड टेक्नोलॉजीज ने लॉन्च किया बिल्कुल नया फेस मास्क

– मौजूदा हालात में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले लिविंगार्ड फेस मास्क को बाज़ार में उतारा, जो कोविड-19 वायरस को 99.9% तक निष्क्रिय करता है

नोवेल कोरोनोवायरस से निपटने के लिए दवा तैयार करने का काम अभी भी जारी है, लिहाजा इस वैश्विक महामारी की रोकथाम का तुरंत समाधान ढूंढना बेहद जरूरी हो गया है। 65,000 से अधिक प्रयोगों के संचालन के साथ-साथ अपने नाम पर 100 से ज्यादा पेटेंट कराने वाली स्विस हाइजीन कंपनी, लिविंगार्ड ने मौजूदा हालात में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले और अपनी तरह के पहले फेस मास्क को लॉन्च किया है जो बैक्टीरिया एवं वायरस को सीधे तौर पर निष्क्रिय करने में सक्षम है, जिसमें नोवेल कोरोनोवायरस SARS-CoV-2 को 99.9% तक निष्क्रिय करने की क्षमता भी शामिल है।

गौरतलब है कि, लिविंगार्ड भारत के साथ-साथ जर्मनी, अमेरिका, सिंगापुर, जापान और दक्षिण अफ्रीका में अपने कारोबार का संचालन करता है। हालांकि अलग-अलग दुकानों या खुले बाजारों में उपलब्ध ज्यादातर फेस मास्क इस बीमारी से बचाव के लिए होते हैं, जबकि लिविंगार्ड फेस मास्क सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ बैक्टीरिया और वायरस को फैलने से रोकते हैं, और इस तरह लोग स्वयं के अलावा अपने आसपास मौजूद दूसरे लोगों को भी लाभ पहुंचाते हैं। विश्व स्तर पर पेटेंट प्राप्त इस तकनीक का आविष्कार भारतीय मूल के एक उद्यमी, संजीव स्वामी ने किया है, जो कंपनी के प्रमुख भी हैं।

बर्लिन की फ्री यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इंस्टीट्यूट फॉर एनिमल हाइजीन एंड एनवायरन्मेन्टल हेल्थ में इस बात को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया कि, लिविंगार्ड टेक्नॉलॉजी से उपचारित वस्त्र कुछ घंटों के भीतर SARS-CoV-2 कणों को बड़े पैमाने पर, यानी कि 99.9% तक कम करने में सक्षम हैं। प्रोफेसर यूवे रोस्लर कहते हैं, “इस मास्क में इस्तेमाल होने वाला कपड़ा साँस के जरिए बाहर निकलने वाले वायरस को लगातार निष्क्रिय कर सकता है और यही बात इस मास्क को समग्र रूप से सुरक्षित बनाती है। इसके अलावा, इस तरह के कपड़े कोविड-19 के अलावा भी सामान्य और चिकित्सा क्षेत्रों में स्वच्छता से संबंधित अन्य समस्याओं को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं।” आज भारत में एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस मास्क को लॉन्च किया गया, जिसमें कंपनी के संस्थापक ने अपने स्विस मुख्यालय से भाग लिया।

इस अवसर पर लिविंगार्ड टेक्नोलॉजीज के संस्थापक एवं सीईओ, श्री संजीव स्वामी, ने कहा, “विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमानों के अनुसार, इस महामारी के दौरान हर महीने 89 मिलियन मेडिकल मास्क की जरूरत होगी। लोगों के दैनिक जीवन की गुणवत्ता को निरंतर बेहतर बनाना हमेशा से हमारा उद्देश्य रहा है। हमारा मिशन आधुनिक दुनिया के अनुरूप स्वच्छता के साधन उपलब्ध कराना है, और इसी वजह से हमने अपने परीक्षणों के संचालन के लिए एफयू बर्लिन का चयन किया, जो अपने उच्चतम मानकों के लिए प्रसिद्ध है; साथ ही भारत में लिविंगार्ड मास्क को लॉन्च करना हमारे लिए बेहद सम्मान की बात है।

देश में इसके मामलों की संख्या हर दिन बढ़ रही है, लिहाजा इस समस्या का हल निकालना बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। लिविंगार्ड मास्क की अनोखी विशेषताएं उपयोगकर्ताओं को सबसे बेहतर स्तर की सुरक्षा प्रदान करेंगी। मिडिल-ईस्ट में फाइन हाइजेनिक होल्डिंग हमारे सबसे बड़े उपयोगकर्ताओं में से एक है, और इसके अलावा सिंगापुर, जापान, जर्मनी एवं चीन में भी लाखों उपयोगकर्ता हैं। मुझे पूरा यकीन है कि, भारत में भी हमें इसी तरह की सफलता मिलेगी।”

उन्होंने आगे कहा, “फिलहाल लिविंगार्ड इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल ऐसे समाधानों के विकास के लिए कर रहा है, जो लोगों को खुद की सुरक्षा करने, अपने काम पर वापस लौटने तथा सामान्य दिनचर्या को फिर से शुरू करने में सक्षम बनाकर स्वास्थ्य जोखिम और संकट के आर्थिक प्रभाव को कम कर सके। चूंकि हमारा यह प्रोडक्ट धोने योग्य और दोबारा इस्तेमाल करने योग्य है, और इसे अधिकांशतः कॉटन से बनाया गया है, इसलिए यह फेस मास्क पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ है। हमारे शोध से पता चलता है कि, अगर एक मिलियन लोग दोबारा इस्तेमाल करने योग्य लिविंगार्ड मास्क का 210 बार उपयोग करते हैं, तो हम कचरे के उत्पादन को 36,000 टन कम कर सकते हैं। यह सामान्य तौर पर उपलब्ध मास्क की तुलना में बेहद सस्ता भी है, क्योंकि हमारे एक फेस मास्क की तुलना में किसी व्यक्ति को 210 मास्क की आवश्यकता होगी।”

भारत के सबसे सम्मानित वैज्ञानिकों में से एक, डॉ. रघुनाथ माशेलकर ने कहा, “यह मास्क संपर्क में आने वाले SARS-COV-2 वायरस को निष्क्रिय करने में सक्षम है, और इस वैज्ञानिक सफलता को दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों ने पूरी तरह से प्रमाणित किया है, जो विश्व स्तर के परिदृश्य में बड़ा बदलाव लाने वाला है। लिहाजा इस दिशा में हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए ताकि सुरक्षा, हिफाज़त और स्थिरता के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव लाने वाले इस उत्पाद से हर भारतीय को लाभ हो, जो महामारी के इस दौर में एक बड़ी कामयाबी है।”

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