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डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ कार्यक्रम में खालिस्तानी आतंकी पन्नू पंहुचा और मंच के पास खालिस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगाए

वाशिंगटन
डोनाल्ड ट्रम्प ने (भारतीय समयानुसार) अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में दुनियाभर से कई गणमान्य लोग और नेता शामिल हुए। लेकिन इस दौरान एक विवाद ने सबका ध्यान खींचा, जब भारतीय मूल के वांटेड खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू  ने समारोह में खालिस्तान जिंदाबाद" के नारे लगाए। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पन्नू को ट्रम्प के मंच के पास खड़े होकर नारेबाजी करते हुए देखा गया। वीडियो में ट्रम्प अपनी पत्नी मेलानिया के साथ मंच पर मौजूद हैं। जनता "USA, USA" के नारे लगा रही थी, तभी पन्नू "खालिस्तान जिंदाबाद" के नारे लगाने लगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पन्नू को औपचारिक रूप से कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था। उसने टिकट खरीदकर कार्यक्रम में हिस्सा लिया। हालांकि, पन्नू का दावा है कि उसे ट्रम्प की टीम ने इन्विटेशन भेजा था। पन्नू का दावा कि उसे ट्रम्प की टीम ने बुलाया था, विवाद को और गहरा रहा है। हालांकि, ट्रम्प प्रशासन की ओर से अब तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में कई उच्च-स्तरीय मेहमान शामिल हुए। भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस कार्यक्रम का हिस्सा बने। शपथ के बाद ट्रम्प ने 30 मिनट का संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने अमेरिका के "स्वर्ण युग" की शुरुआत का वादा किया।  
 
कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?
गुरपतवंत सिंह पन्नू पंजाब के अमृतसर जिले के खानकोट गांव का निवासी है। वह अमेरिका में रहता है और "सिख फॉर जस्टिस" (SFJ) नामक संगठन चलाता है।   2019 में, भारत सरकार   SFJ को गैरकानूनी घोषित  और पन्नू को आतंकी घोषित कर चुकी है। पन्नू पर अलगाववाद को बढ़ावा देने, युवाओं को उकसाने और खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह आयोजित करने की साजिश का आरोप है।  पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की नागरिकता है। 2023 में, अमेरिका ने भारत पर पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया।   FBI का दावा है कि भारत के पूर्व खुफिया अधिकारी विकास यादव और निखिल गुप्ता ने इस साजिश की योजना बनाई थी। चेक गणराज्य में जून 2023 में गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था और बाद में अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया।  FBI ने विकास यादव की तस्वीरें जारी कर उन्हें वांटेड बताया।