नई दिल्ली
क्रिकेट के इतिहास में कई यादगार किस्से आते हैं, लेकिन 1987 में शारजाह के ड्रेसिंग रूम में हुए एक अनोखे और हैरान करने वाले वाकये ने हमेशा के लिए सबका ध्यान खींचा। उस समय भारतीय टीम के दिग्गज ऑलराउंडर कपिल देव के सामने एक ऐसा शख्स आया, जिसे बाद में पता चला कि वह मुंबई के कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम था। दाऊद ने खिलाड़ियों को महंगे तोहफे देने की कोशिश की, लेकिन कपिल देव ने अपने साहस और समझदारी से उसे ड्रेसिंग रूम से बाहर निकाल दिया। यह घटना आज भी क्रिकेट प्रेमियों और खिलाड़ियों के बीच चर्चित है।
कपिल देव ने एक इंटरव्यू में बताया कि उस दिन शारजाह में एक मैच के दौरान अचानक एक व्यक्ति ड्रेसिंग रूम में घुस आया। उसने खिलाड़ियों से बात करने की कोशिश की, लेकिन कपिल देव ने तुरंत ही उसे वहां से चले जाने को कहा क्योंकि ड्रेसिंग रूम में बाहरी लोगों की अनुमति नहीं थी। बाद में उन्हें पता चला कि वह शख्स कोई और नहीं, बल्कि दाऊद इब्राहिम था। यहां तक कि दाऊद ने टीम को टूर्नामेंट जीतने पर महंगी टोयोटा कार देने का ऑफर भी दिया था, जिसे पूरी टीम ने ठुकरा दिया। इस बात का जिक्र BCCI के पूर्व सचिव जयवंत लेले ने भी अपनी किताब में किया है।
पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री और मनिंदर सिंह ने भी इस घटना की पुष्टि की है। मनिंदर ने बताया कि दाऊद उस समय न सिर्फ मैचों में, बल्कि टीम की पार्टियों में भी अक्सर मौजूद रहता था। हालांकि, कपिल देव की तेज बुद्धि और जुझारूपन के कारण वह ड्रेसिंग रूम में अपनी मनमानी नहीं कर सका। यह घटना क्रिकेट और अपराध जगत के संगम की एक ऐसी कहानी बन गई, जो भारतीय क्रिकेट इतिहास का एक अनोखा अध्याय है।