(मुकेश तिवारी)
आम सभा। ग्वालियर।
इसे दुर्भाग्य नहीं तो और क्या कहा जाए, श्रीमती मातोश्री महारानी जीजा महाराज साहेबा की स्मृति में सफेद संगमरमर के पत्थर से बनी बेमिसाल कलात्मक छत्री में स्थापित मूर्ति सिंधिया के भव्य राज प्रसाद जय विलास के निकट रियासत काल से जिस स्थान पर लगी हुई है, उसके रखरखाव का नगर निगम के पार्क अधीक्षक द्वारा उचित इंतजाम नहीं किए जाने से बदहाल स्थिति में पहुंच गयी है, रखरखाव के अभाव में उक्त रियासत कालीन पार्क में स्थापित जीजा महाराज साहिबा की छत्री में लगी मूर्ति इन दिनों अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है, हालांकि उक्त पार्क ऐशगाह स्थान के रूप में तब्दील होता जा रहा है, कड़वा सच तो यह है कि जिला प्रशासन से लेकर स्मार्ट सिटी सीओ, पार्षद, सामाजिक संस्था भी इस रियासत कालीन छत्री के संरक्षण में कोई दिलचस्पी नहीं ले
रही है, हैरत की बात है कि पार्क मे बनी बेहद खूबसूरत छत्री में स्थापित जीजा महाराज साहिबा की सफेद मार्बल से बनी भव्य कलात्मक मूर्ति में पीपल के वृक्ष तक उग आए हैं, जो आगे चलकर छत्री को क्षति पहुंचायेगे जबकि नगर निगम और स्मार्ट सिटी कापोर्रेशन के अफसरो से लेकर पार्षद गण इस पार्क के करीब स्थित सड़क से दिन में अनेक मर्तबा आते जाते हैं, इतना ही काफी नहीं कबूतरों द्वारा मूर्ति के आसपास अपना स्थाई बसेरा बना लेने से पक्षियों की बीट से मूर्ति का रंग भी बदरंग हो गया है, रही सही कोर कसर जीजा महाराज की मूर्ति के पीछे एकांत का में प्रेमालाप में मग्न जोड़े अश्लीलता का खुला प्रदर्शन कर पूरी कर देते हैं, क्योंकि खुलेआम रोमांटिक ढंग से प्रेमालाप कर रहे जोड़ों को रोकने टोकने वाला यहां पर कोई मौजूद नहीं रहता है
हालांकि इस छत्री की देखभाल के लिए कागजों में देखरेख के लिए तीन कर्मचारी पदस्थ हैं, इसके बावजूद यह के हालात वाकई में चिंताजनक बने हुए हैं, पार्क में लगे झूले से लेकर बेंनचे, संगमरमर का फर्श, और कलात्मक विद्युत लैंप तक क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जीजा महाराज की मूर्ति के करीब बनी सीढ़ियों पर चप्पल जूते पहनकर जाने से मनाई का सूचना पटल लगा होने के बावजूद भी प्रेमी जोड़े इस की धज्जियां उड़ाते हुए जूते चप्पल पहनकर ही जीजा महाराज साहिबा कि मूर्ति के करीब की सीढ़ियों पर एक दूसरे को आलिंगन में लिए बैठे हुए दिखाई दे जाते हैं, यह की हरियाली भी माली के द्वारा दिलचस्पी न लेने की वजह से लगभग नदारद सी है, वहीं पार्क के भीतर चारों ओर कूड़ा कर्कट विखरा पड़ा है,इस पार्क के प्रति नगर निगम आयुक्त से लेकर स्मार्ट सिटी कापोर्रेशन, सतारूढ़ दल के राज नेताओ सहित शहर की सामाजिक संस्थाओ की उदासीनता बेहद शर्मनाक है,
अब देखने की बात यह है कि नगर निगम आयुक्त से लेकर महारानी जीजा महाराज साहब के वंशज केंन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का ध्यान कब इस बदहाल छत्री और पार्क की ओर जाता है और इसे बदहाली से उबारने के लिए कितनी जल्दी कदम उठाए जाते हैं।