चंडीगढ़।
चौटाला परिवार व इनेलो की जंग अब महाभारत में तब्दील होती जा रही है। इनेलो से निष्कासित दुष्यंत चौटाला अब चाचा अभय सिंह चौटाला और उनके समर्थकों पर सीधे निशाना साधा रहे हैं। दुष्यंत ने खुद काे अभिमन्यु करार देते हुए कहा है कि उन्हें चक्रव्यूह से निकलना आता है। दुष्यंत ने पार्टी से अपने निष्कासन को भी चुनौती दी है। अजय चौटाला ने अभय को दुर्योधन की संज्ञा दी थी, लेकिन दुष्यंत ने उन्हें जयचंद तक करार दे दिया है।
दुष्यंत चौटाला ने पहले शनिवार को चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत में आक्रामक तेवर दिखाए और अब ट्वीट कर विरोधियों पर निशाना साधा है। दुष्यंत ने ट्वीट में खुद को अभिमन्यु बताते हुए चक्रव्यूह में फंसाने की साजिश की बात कही है। उन्हाेंने लिखा है, ‘वक्त का रुख बदलना हमें आता है, कांटों पर भी अच्छे से चलना अाता है, भ्ूल बैठे की चक्रव्यूह से निकलना हमें आता है।’ इस तरह दुष्यंत ने इनेलो व चौटाला परिवार में ‘युद्ध’ के और तेज होने का साफ संकेत दे दिया।
इससे पहले दुष्यंत चौटाला चंडीगढ़ में करीब एक दर्जन प्रमुख नेताओं के साथ मीडिया से मुखातिब हुए। इस दौरान वह बेहद आक्रामक अंदाज में नजर आए। उन्होंने पहली बार अभय चौटाला पर सीधे हमला किया।
दुष्यंत ने अभय चौटाला पर विधानसभा में भाजपा की मदद करने के भी खुले आरोप लगाए। उन्होंने कहा ‘हमने विधानसभा से बाहर रहते हुए दवा घोटाला, छात्र संघ के चुनाव और सरकार के कई भ्रष्टाचार के मामले उठाए, लेकिन विधानसभा में कुछ लोग भाजपा का साथ देते नजर आते हैैं।’ उनका इशारा अभय चौटाला की तरफ था।
दुष्यंत ने कहा, दिग्विजय चौटाला और मुझ पर गोहाना रैली में हुड़दंगबाजी के आरोप लगाए गए। इसके हमें कोई सबूत उपलब्ध नहीं कराए गए। मेरे पिता अजय चौटाला 40 साल से सक्रिय राजनीति कर रहे हैैं। हमारे पूरे परिवार ने देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला की विचारधारा को आगे बढ़ाया। अब कुछ जयचंद किस्म के लोग हमारे संघर्ष और प्रयासों को तोड़ना चाहते हैैं।
दुष्यंत चौटाला ने कहा, हमें पार्टी से निकालने का अधिकार इनेलो की राष्ट्रीय कार्यकारिणी अथवा राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला को है। मुझे जो कारण बताओ नोटिस दिया गया था, उस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष के कोई हस्ताक्षर नहीं हैं। इके साथ ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी नहीं बुलाई गई है। इसलिए मैं इनेलो से अपने निष्कासन को पूरी तरह से खारिज करता हूं।
दुष्यंत चौटाला ने संकेत दिया कि अभी तो कुछ विधायक ही उनके साथ चल रहे हैं। लेकिन वह दिन दूर नहीं जब सारे विधायक डाॅ. अजय चौटाला के साथ चलते नजर आएंगे। उन्होंने कहा कि अजय चौटाला के समर्थकों को पिछले चार सालों से अपमानित किया जा रहा है। जिनकी तीन-चार पीढिय़ां इनेलो में हैं, उन्हें यदि पेड़ वर्कर और कांग्रेसी कहा जाएगा तो कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है।
15 साल की उम्र से कर रहा राजनीति, दादा-पोते की बात आपको क्यों बताऊं
विवाद के बाद सांसद दुष्यंत चौटाला की अपने दादा ओमप्रकाश चौटाला से दो बार मुलाकात हुई है। इस बात की पुष्टि खुद दुष्यंत ने की। उन्होंने कहा, मैं 15 साल की उम्र से राजनीति कर रहा हूं। कई चुनावों में मैंने पार्टी की अहम जिम्मेदारी निभाई है। मैंने ओमप्रकाश चौटाला से मिलकर अपनी सारी बात कह दी है। वह मेरी बात से संतुष्ट हैं। उनसे बातचीत के बाद मुझे नहीं लगता कि मेरे निष्कासन का फैसला ओमप्रकाश चौटाला का है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दादा-पोते के बीच क्या बात हुई, यह मैं क्यों बताऊं।
चौटाला का खून हूं, कैसे रूक सकते हैं मेरे कदम
दुष्यंत ने ताऊ देवीलाल की जयंती पर गोहाना में आयोजित रैली में हुई हुड़दंगबाजी पर पहली बार अपनी स्थिति साफ की। उन्होंने कहा कि गोहाना में युवाओं ने कोई हुड़दंगबाजी नहीं की। वह युवाओं के जज्बात थे, लेकिन पार्टी विरोधी लोगों ने इन जज्बातों को हुड़दंगबाजी करार देने का कोई मौका नहीं छोड़ा।
गोहाना रैली में युवाओं के जज्बात को हुड़दंग साबित करने की कोशिश हुई
दुष्यंत ने अपनी बात को वजनदार साबित करने के लिए मीडिया में एक सीडी भी बांटी। इस सीडी में युवा जोश में नारे लगाते दिखाई दे रहे हैं। दुष्यंत ने एक के बाद एक कई शेर पढ़ते हुए कहा, ‘मैं चौटाला परिवार का खून हूं। जब ताऊ देवीलाल ने मेरे दादा ओमप्रकाश चौटाला का निष्कासन किया था, तब उन्होंने संघर्ष करना नहीं छोड़ा था। फिर मैं कैसे संघर्ष की राह छोड़ सकता हूं।’
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि गोहाना रैली में किसी ने भी मुर्दाबाद का कोई नारा नहीं लगाया। जिन लोगों ने जिंदाबाद के नारे लगाए, उन्हें अब कांग्रेसी बताकर अपमानित किया जा रहा है। उन्होंने सफाई दी कि मंच पर अकेले वह नेता ऐसे थे, जिन्होंने विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला के समर्थन में भी नारे लगाए।
मां नैना चौटाला द्वारा 15 नेताओं पर पार्टी तोड़ने के आरोप लगाने से जुड़े सवाल पर दुष्यंत ने कहा, इस बारे में मुझसे बेहतर मीडिया जानता है। जल्द ही ऐसे लोग बेनकाब होंगे। उन्होंने कहा, मेरे निलंबन और निष्कासन की रिपोर्ट बंद कमरे में तैयार की गई थी। हरी चुनरी चौपाल कार्यक्रमों को पार्टी के कार्यक्रम नहीं होने की बात कहकर महिलाओं को अपमानित किया गया।
राव इंद्रजीत हमारे पुराने साथी, केजरीवाल आएं तो स्वागत
केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत के साथ अपनी मुलाकात पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उनके पिता राव वीरेंद्र और अजय सिंह चौटाला पुराने साथी रहे हैं। राव परिवार के साथ 1966 से हमारे परिवार के संबंध हैं। त्योहार पर हम अपने बड़ों को राम-राम करते हैं। अरविंद केजरीवाल से जुड़े सवाल पर दुष्यंत ने कहा कि मेरा उनके साथ जाने का कोई इरादा नहीं है। यदि वह हमारे साथ आना चाहें तो स्वागत है।
प्रकाश सिंह बादल भी कर रहे परिवार में एकजुटता के प्रयास
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी देवीलाल के परिवार में सुलह की तमाम कोशिशें कर रहे हैं। दुष्यंत के अनुसार प्रकाश सिंह बादल हमारे बड़े बुजुर्ग हैं। हमारे परिवार का हर सदस्य उन्हें पूरा सम्मान देता है। दीपावली के दिन हमारी उनके साथ बातचीत हुई थी। उन्होंने हमें आशीर्वाद दिया है। दुष्यंत ने कहा कि भविष्य में भी कुछ नई मुलाकातें संभव हैं।