आम सभा, विशाल सोनी, चंदेरी : श्री 1008 श्री चमत्कारी मूलनायक श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन पुराना मंदिर जी में संत शिरोमणि विद्या सागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य, पाठशाला प्रणेता, परम पूज्य मुनि श्री 108 निर्णय सागर जी महाराज, मुनि श्री पद्मसागर जी महाराजएवं ऐलक श्री क्षीर सागर जी महाराज चंदेरी में विराजमान हैं. आज मुनि श्री निर्णय सागर जी महाराज ने अपने संदेश में कहा कि प्राचीन काल में हमारे देश में परम्परा के अनुसार यदि कोई व्यक्ति बाहर से बस आदि में सफर करके आता था तो घर के बुजुर्ग कहते थे कि हाथ पैर मुँह धोकर कपड़े बदल कर ही भोजन करना, जिससे कि बाहर से आने में जो भी कीटाणु हमारे शरीर के सम्पर्क में हो वह नष्ट हो जाये.
उक्त प्रवचनांश को जन जन तक पहुँचाने हेतु जैन प्रवक्ता प्रवीण जैन जैनवीर ने बताया कि पूज्य मुनि श्री ने कहा कि हमारे देश में सभी फलों के रस का सेबन करते थे, गर्मी के दिनों में गन्ना (इक्षुरस) का सेवन करते थे. भगवान श्री कृष्ण, महावीर ने भी गाय के दूध गौ रस का सेवन करने का संदेश दिया, दूध से लस्सी, छाछ, आदि अनेक प्रकार के शरीर कोई संक्रमण से मुक्त रखने बाले अनेक पेय पदार्थ बनते हैं. लेकिन आजभारत के मानव विदेशी लोगों का अनुशरण कर रहे हैं शराब के आदि होकर देश कि संस्कृति कोई नष्ट कर रहे हैं.
सरकार द्वारा मंदिर में ताले लगवाकर, शराब कि दुकानें खोलकर देश को पतन के मार्ग पर लेकिन जाने का प्रयास हैं, इससे कोरोना जैसी महामारी अपना और बिकराल रूप धारण करेगी. मुनि श्री द्वारा सभी मानव जाति को अपने संदेश में शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड का पालन करने का निर्देश दिया हैं. ताकि देश में चारों ओर सुख, शांति, समृद्धि का वास हो.