पटना ।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की किताब ‘लालू लीला’ का गुरुवार को पटना में विमोचन हुआ। इसके साथ ही बिहार की सियासत गर्म हो गई है। राजद ने किताब को झूठ का पुलिंदा करार दिया है। राजद ने कहा है कि इस किताब का नाम ‘सुशील की साजिश’ होना चाहिए।
पुस्तक पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की टिप्पणी अभी नहीं आई है, लेकिन राजद के अन्य नेता लालू के बचाव में उतर आए हैं।
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी, सांसद जय प्रकाश नारायण यादव, विधायक भाई विरेंद्र, प्रवक्ता चितरंजन गगन एवं आभालता समेत कई नेताओं ने सुशील मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जय प्रकाश यादव ने लालू प्रसाद को गरीबों का मसीहा बताया और कहा कि उन्होंने सांप्रदायिक ताकतों का हमेशा मुंहतोड़ जवाब दिया। शिवानंद तिवारी ने किताब को झूठ से भरा बताया और कहा कि इसका बिहार की राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि पुस्तक का नाम विषयवस्तु के आधार पर किया जाता है। सच यह है कि इस पुस्तक में सुशील ने लालू परिवार के खिलाफ (मोदी एंड कंपनी) द्वारा की गई साजिशों को संकलित किया है। इस लिहाज से किताब का नाम ‘सुशील की साजिश’ होना चाहिए था।
राजद नेताओं ने सुशील मोदी को निराधार व्यक्ति करार दिया। कहा कि लालू का नाम जपकर ही वह राजनीति में जिंदा हैं, क्योंकि झूठ-फरेब की राजनीति करने वाला राजनीति में ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाता है। विधायक डॉ. रामानुज प्रसाद एवं भाई अरुण कुमार ने कहा कि लालू की सारी संपत्ति पब्लिक डोमेन में है। लालू पर आरोप लगाकर सुशील मोदी राजनीति में प्रासंगिक बने रहना चाहते हैं।
युवा राजद प्रदेश प्रवक्ता अरुण कुमार यादव ने लालू लीला के बहाने सुशील मोदी ने बिहार की गरीब जनता का अपमान किया है, क्योंकि लालू के चलते ही बिहार के गरीबों ने सम्मान के साथ जीना सीखा है। सुशील मोदी को अपनी सरकार के घोटाले नहीं दिख रहे हैं। अपने भाई की अवैध संपत्ति नहीं दिख रही है।