* यह सुरक्षित फॉर्मूला महिलाओं को दे रहा है मां बनने का तोहफ़ा
* एनोव्यूलेशन से पीड़ित महिलाओं में आयुर्वेदिक फॉर्मूला जीह्व पाया गया कारगर’, डॉ आरती पाटिल, डॉ दिव्या सीएस और डॉ गौरी द्वारा किए गए इस अध्ययन के परिणाम युरोपियन जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल एण्ड मेडिकल रीसर्च में प्रकाशित हुए
* गायनोवदा का आयुर्वेदिक सप्लीमेन्ट समय पर ओव्यूलेशन के लिए बेहद प्रभावी पाया गया है, यह विभिन्न गायनेकोलोजिकल समस्याओं जैसे पीसीओएस, अनियमित पीरियड्स की वजह से होने वाली इन्फर्टीलिटी के प्रबन्धन में उपयोगी है
* इसके कोई साईड इफेक्ट नहीं है और यह सुरक्षित है
* गायनोवेदा के आयुर्वेदिक सप्लीमेन्ट की सफलता दर 85.3 फीसदी है, अध्ययन में हिस्सा लेने वाली 149 में से 127 महिलाओं में 90 दिनों के भीतर ओव्यूलेशन हुआ
* गायनोवेदा आयुर्वेद की क्षमता का उपयोग प्रमाण आधारित चिकित्सा के साथ महिलाओं को दे रहा है बेहतरीन परिणाम
आम सभा, नई दिल्ली।
आयुर्वेद पर आधारित महिलाओं के हेल्थकेयर ब्राण्ड गायनोवेदा डॉट कॉम इन्फर्टीलिटी से जूझ रही महिलाओं के लिए अनूठा फॉर्मूला लेकर आए हैं। युरोपियन जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल एण्ड मेडिकल रीसर्च द्वारा मान्यता प्राप्त यह आयुर्वेदिक सप्लीमेन्ट गायनेकोलोजिकल समस्याओं जैसे पीसीओएस, अनियमित पीरियड्स की वजह से होने वाली इनफर्टीलिटी के प्रबन्धन में कारगर पाया गया है। केरल के पलक्कड़ स्थित धन्वन्तरी आयुर्वेदिक सेंटर में 149 प्रतिभागियों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि गायनोवेदा का आयुर्वेदिक सप्लीमेन्ट लेने के (3 महीने के भीतर) बाद 85.23 फीसदी महिलाओं में समय पर ओव्यूलेशन (अण्डा बनने और गर्भाश्य में आने की प्रक्रिया) हुआ। इसके अलावा इस फॉर्मूले का कोई विपरीत प्रभाव नहीं पाया गया है, ऐसे में यह महिलाओं को मां बनने का सुरक्षित अनुभव प्रदान करता है।
डॉ आरती पाटिल (एमडी, आयुर्वेदा गायनेकोलोजी), चीफ़ डॉक्टर, सह-संस्थापक एवं आर एण्ड डी हैड, गायनोवेदा ने इस आधुनिक आयुर्वेदिक फॉर्मूला के बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘मेरे और मेरी टीम के पास गंभीर गायनेकोलोजिकल समस्याओं जैसे पीसीओएस, फाइब्रॉयड, इनफर्टीलिटी एवं एंडोमीट्रियोसिस से जूझ रही महिलाओं के उपचार में 15 सालों का अनुभव है। हमें खुशी है कि हम यह आयुर्वेदिक फॉर्मूला लेकर आए हैं जो प्राकृतिक रूप से महिलाओं की इन समस्याओं को हल करता है।’’
गायनोवेदा का आयुर्वेदिक सप्लीमेन्ट हज़ारों महिलाओं की गायनेकोलोजिकल समस्याओं को हल कर प्राकृतिक रूप से गर्भधारण में कारगर रहा है। यह शोध पत्र महिलाओं को मां बनने का उपहार देने के गायनोवेदा के मिशन की पुष्टि करता है।
देश भर की महिलाओं ने खुशी के साथ अपनी कहानियां सुनाते हुए बताया कि किस तरह गायनोवेदा ने उन्हें मां बनने का तोहफ़ा दिया और उनकी इस यात्रा को आसान बनाया है।
मध्य प्रदेश से स्नेहा चौरसिया ने बताया, ‘‘शादी के सात साल बाद मैं गायनोवेदा की वजह से मां बन पाई। जब मैं डॉक्टरों से मिली, तो उन्होंने बताया कि मुझे पीसीओएस है, जिसके चलते मैं गर्भधारण नहीं कर पा रही थी। मैंने इसके लिए कई तरीके अपनाए लेकिन लम्बे समय तक कोई सफलता नहीं मिली। अंत में मैंने गायनोवेदा का आयुर्वेदिक सप्लीमेन्ट लेने का फैसला लिया। मैं इसे रोज़ाना लेने लगी। मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा, जब इस सप्लीमेन्ट ने जादूई असर दिखाया और मैं प्राकृतिक तरीके से ही गर्भवती हो गई।’’
इसके अलावा इस अध्ययन में पाया गया कि 123 महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की शिकायत थी, जिनमें से 98 महिलाओं के पीरियड नियमित हो गए। साथ ही इसका कोई साईड इफेक्ट नहीं पाया गया है।
लम्बे समय तक कई तरह के इलाज लेने और खूब पैसे खर्च करने के बाद भी जो महिलाएं मां नहीं बन पाईं, गायनोवेदा के आयुर्वेदिक सप्लीमेन्ट ने उनका मां बनने का सपना सच कर दिखाया है। गायनोवेदा गर्व के साथ महिलाओं की मां बनने की यात्रा को आसान बना रहा है।