पटना।
मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण कांड में विवादों में फंसकर कुर्सी गंवाने वाली पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी गिरफ्तारी के आदेश के बाद अब जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है। इस बीच शुक्रवार को पुलिस ने उनके बेगूसराय स्थित आवास की कुर्की जब्ती के आदेश के लिए कोर्ट में आवेदन दिया है। मंजू वर्मा फिलहाल आर्म्स एक्ट के एक मामले में फरार चल रहीं हैं।
मंजू वर्मा के खिलाफ पार्टी की इस कार्रवाई को विपक्ष विलंब से उठाया गया कदम बता रहा है। हालांकि, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस आरोप को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि मंजू वर्मा ने बालिका गृह के विवाद के बाद खुद इस्तीफा दे दिया था। अब पार्टी ने भी कार्रवाई की है।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
विदित हो कि सुप्रीम कोर्ट ने बालिका गृह यौन शोषण मामले में सुनवाई के सिलसिले में आर्म्स एक्ट में फंसीं पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की गिरफ्तारी नहीं होने पर नाराजगी जताई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी को तलब किया है। इसके बाद मंजू वर्मा की गिरफ्तारी को लेकर उनकी तलाश तेज कर दी गई है।
सरेंडर या गिरफ्तारी के पहले की कार्रवाई!
सुप्रीम कोर्ट के रूख के बाद जदयू ने भी मंजू वर्मा पर दबाव बढ़ाया, लेकिन उन्होंने अभी तक सरेंडर नहीं किया है। इसके बाद पार्टी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है। कहा जा रहा है कि यह निलंबन उनकी गिरफ्तारी या सरेंडर के पहले की कार्रवाई हो सकती है।
मंजू वर्मा के ठिकानों पर छापेमारी जारी
इस बीच बेगूसराय की विशेष पुलिस टीम मुजफ्फरपुर, पटना, बिहारशरीफ, हाजीपुर, रांची व हजारीबाग में उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है।
27 नवंबर तक सरेंडर की संभावना
मंजू वर्मा की अग्रिम जमानत की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। माना जा रहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के पहले 27 नवंबर तक सरेंडर कर सकतीं हैं।