गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत देश के कई इलाकों में आंधी-तूफान से कहर मच गया है. अभी तक 31 लोगों की मौत हो गई है, जबकि दर्जनों घायल हैं. प्राकृतिक आपदा के इस समय में राजनीति भी तेज हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर घायलों के लिए दुख जताया और मुआवजे का भी ऐलान किया. लेकिन उन्होंने ऐसा सिर्फ गुजरात के लिए किया. अब इसी पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निशाना साधा है. दोनों मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री पर ऐसे समय में भी राजनीति करने का आरोप लगाया है.
प्रधानमंत्री ने क्या किया ट्वीट?
दरअसल, बुधवार सुबह जैसे ही प्राकृतिक आपदा की खबर आई तो हर किसी को चिंता हुई. कुछ ही देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्वीट आया. पीएम ने लिखा कि गुजरात के कई हिस्सों में आंधी-बारिश और तूफान की वजह से हुए नुकसान से काफी आहत हूं. सभी के परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं.
हालांकि, इस मुद्दे पर विवाद होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से अन्य राज्यों के लिए भी मुआवजे का ऐलान किया गया. सुबह करीब 11 बजे PMO की तरफ से ट्वीट आया कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, मणिपुर समेत कई राज्यों में आंधी-तूफान की वजह से हुए नुकसान पर दुख व्यक्त करता हूं. यहां भी मृतकों के परिवार को 2 लाख, घायलों को 50 हजार की मदद की जाएगी.
कमलनाथ ने लपका मोदी का ट्वीट
प्रधानमंत्री के इस ट्वीट में सिर्फ गुजरात का जिक्र होने से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ भड़क गए. उन्होंने तुरंत ट्वीट कर कहा कि नरेंद्र मोदी जी, आप सिर्फ गुजरात नहीं बल्कि पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं.
कमलनाथ ने लिखा कि एमपी में भी बेमौसम बारिश व तूफ़ान के कारण आकाशीय बिजली गिरने से 10 से अधिक लोगों की मौत हुई है, लेकिन आपकी संवेदनाएं सिर्फ गुजरात तक सीमित? भले यहां आपकी पार्टी की सरकार नहीं है लेकिन लोग यहां भी बसते हैं.
कमलनाथ को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जवाब दिया है, उन्होंने कहा कि आप भी पूरे प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं ना कि छिंदवाड़ा के. सिर्फ ट्वीट करने से कर्तव्य पूरा नहीं होगा.
अशोक गहलोत ने रद्द की चुनावी सभाएं
राजस्थान में भी इस प्राकृतिक कहर का जमकर असर दिख रहा है. राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है और अफसरों के साथ बैठक बुलाई. अधिकारियों को मौके पर भेजा जा रहा है. कमलनाथ के बाद अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है. गहलोत ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से बहुत नुकसान हुआ है, अफ़सरों को निर्देश दिए हैं ताकि जल्दी से जल्दी से मुआवज़ा दिया जा सके.
उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता की बंदिश हो गई हैं इस पर फिर से विचार होना चाहिए. प्रधानमंत्री के बारे मंं उन्होंने कहा कि पीएम का रवैया मुझे आजतक समझ नहीं आया है. सिरोही में बाढ़ आई थी लेकिन गुजरात का हवाई सर्वे करके लौट गए, अब घोषणा पीएम कुछ भी कर सकते हैं.
चुनाव गुजरात में होने वाले थे तो जातीय समीकरण के चलते रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बना दिया. उन्होंने कहा कि आडवाणी जी को राष्ट्रपति बनना था, वो रह गए. देश में ये चुनाव लोक तंत्र को बचाने का चुनाव हैं. मीडिया के मालिक और सम्पादक चाहते हुए भी सच नहीं दिखा सकते हैं, देश में लोकतंत्र हैं कहाँ?