आम सभा, भोपाल : राष्ट्रिय धर्मग्रन्थ “श्रीमद्भगवद् गीता” मानव जीवन के कर्म के महत्त्व को दिशा निर्देशित करती है। जीवन की समसामयिक समस्याओं के समाधान के मार्गप्रशस्ति में इस ग्रन्थ का योगदान विश्व में प्रसिद्ध है। ब्रह्मपुराण के अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी के दिन द्वापर युग में भगवान् श्रीकृष्ण जी ने अर्जुन जी को जीवन के प्रकृष्ट कर्म के महत्त्व के सम्बन्ध में उपदेश दिया था। जिसे गीता का उपदेश तथा मोक्षदा भी कहा जाता है। अतः इस दिवस को गीताजयन्ती के रूप में मनाया जाता है। दुर्लभ मनुष्य जीवन को सदा मंगलमय बनाने हेतु न केवल भारतवर्ष में अपितु सम्पूर्णविश्व में “श्रीमद्भगवद् गीता” के तत्त्वार्थ ज्ञान को प्राप्त करने हेतु प्रत्येक वर्ष गीताजयन्ती मनाया जाता है।
इस क्रम में भारतीय संस्कृति की पृष्ठपोषक संस्कृत भाषा का सतत् रूप से विश्व में प्रचार प्रसार करने वाली संस्था “संस्कृतभारती” मध्यभारतप्रान्त, भोपाल में 8 दिसम्बर 2019 रविवार भोपाल में गीताजयन्ती मनाया जाएगा । जिसमें 250 से अधिक परिवारजन जनकल्याण तथा विश्वकल्याण हेतु गीता के एक अध्याय का सामूहिक पाठ करेंगे। विशिष्ट विद्वानों का उद्बोधन भी रहेगा।