Saturday , June 7 2025
ताज़ा खबर
होम / राज्य / मध्य प्रदेश / अगली पीढ़ी को बेहतर धरती और वातावरण सौंपने के लिए पर्यावरण संरक्षण के प्रति सभी को सचेत होना होगा – मुख्यमंत्री डॉ. यादव

अगली पीढ़ी को बेहतर धरती और वातावरण सौंपने के लिए पर्यावरण संरक्षण के प्रति सभी को सचेत होना होगा – मुख्यमंत्री डॉ. यादव

अगली पीढ़ी को बेहतर धरती और वातावरण सौंपने के लिए पर्यावरण संरक्षण के प्रति सभी को सचेत होना होगा – मुख्यमंत्री डॉ. यादव

विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा का एक ही दिन पर होना, बताता है कि भारतीय संस्कृति में पर्यावरण की कितनी महत्ता है
प्रधानमंत्री मोदी ने दिया "एक पेड़ मां के नाम" अभियान से जन-जन को पर्यावरण संरक्षण से जुड़ने का मौका
हम पौधे को पुत्र समान मानते हैं
भारतीय जीवनशैली में रची-बसी है रिसाइकिल-री-यूज की प्रक्रिया
जल संरक्षण के लिए 75 हजार से अधिक खेत-तालाबों का निर्माण किया गया
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने "एक पेड़ मां के नाम"-2025 अभियान का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पर्यावरण प्रबंधन पोर्टल का लोकार्पण और वेटलैंड एटलस का किया विमोचन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने म.प्र. वार्षिक पर्यावरण पुरस्कार प्रदान किए
पर्यावरण संरक्षण के लिए केन्द्रीय विद्यालय क्रं-2 भोपाल, सेंट्रल एकेडमी शहडोल, सिंधिया कन्या विद्यालय ग्वालियर और शिशु कुंज इंदौर को मिला पुरस्कार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्व पर्यावरण दिवस पर किया संबोधित
कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में हुआ राज्य स्तरीय कार्यक्रम

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विश्व पर्यावरण दिवस है और गंगा दशहरा भी आज है। दोनों भारतीय संस्कृति के लिए विशेष महत्व रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण संरक्षण को "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के साथ जोड़ा है। राज्य सरकार आज से इस अभियान की शुरुआत कर रही है। हमारी संस्कृति में एक वृक्ष को सौ पुत्रों के बराबर माना है। परंपरागत रूप से कहा जाता है कि एक बावड़ी 10 कुओं के बराबर है, 10 बाबड़ी एक तालाब के बराबर है, 10 तालाब एक पुत्र के बराबर है और 100 पुत्र एक वृक्ष के समान है। पुत्रों की तुलना वृक्ष के साथ करना, प्रकृति की महत्ता को दर्शाता है। अगर प्रकृति संरक्षित रहेगी तो हमें अपने आप फलने-फूलने का अवसर मिलता रहेगा। वर्तमान दौर में भारतीय संस्कृति और प्राचीन ज्ञान को पुनर्स्थापित करने का समय है। आज रिसाइकिलिंग और री-यूज की चर्चा की जाती है, न्यूनतम संसाधनों से बेहतर जीवनशैली की ओर भी ध्यान दिया जा रहा है। अगली पीढ़ी को बेहतर धरती और वातावरण सौंपने के लिए पर्यावरण संरक्षण के प्रति सभी को सचेत होना होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव विश्व पर्यावरण दिवस पर कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस वर्ष पर्यावरण दिवस का विषय "प्लास्टिक प्रदूषण उन्मूलन" है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सबको स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में योगदान देना होगा। वायु की गुणवत्ता मे सुधार, प्लास्टिक के उपयोग को कम करने और जल संरक्षण के लिए व्यक्तिगत जवाबदेही और सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना जरूरी है। राज्य सरकार पर्यावरण अनुकूल उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय पौराणिक कथाओं में वृक्षों, नदियों, पहाड़ों के साथ-साथ वन्यजीवों की पूजा के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा दी गई है, हमें इनसे प्रेरणा लेनी होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 19वीं शताब्दी में महान वैज्ञानिक जगदीशचंद्र बसु ने लंदन में रायल सोसाइटी को वैज्ञानिक रूप से सिद्ध करके बताया कि पौधों में प्राण होते हैं। जबकि भारत के लोक मानस में यह ज्ञान सदियों से रचा-बसा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार संस्कृति को संरक्षित करते हुए अलग-अलग क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति प्रदान कर रही है। पर्यावरण दिवस पर सभी पुरस्कार विजेता बधाई के पात्र हैं। बदलते दौर में प्लास्टिक के उपयोग को लेकर री-यूज, रि-साइकिल की बात कही जा रही है, यह प्रक्रियाएं भारतीय जीवनशैली में पहले से ही विद्यमान हैं। हमने नेट जीरो एमीशन का लक्ष्य रखा है। इसी आधार पर 2030 तक प्रदेश की ऊर्जा क्षमता को 500 गीगा वॉट तक बढ़ाने की योजना बनाई गई है। जल गंगा संरक्षण अभियान के अंतर्गत प्रदेशभर में जल स्त्रोतों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। अब तक 60 हजार के लक्ष्य के विरूद्ध 75 हजार से अधिक खेत तालाबों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। तीन महीने के इस अभियान में 95 हजार 500 कुओं को रीचार्ज किया गया है और 1225 अमृत सरोवरों का जीर्णोद्धार हुआ है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जब नदियों पर बांध बनाए जाते हैं तो किसानों को भी लाभ मिलता है और सिंचाई का रकबा बढ़ता है। 2002-03 तक प्रदेश की सिर्फ 7 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित थी, जो अब 55 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है। विश्व का पहला नदी जोड़ो अभियान प्रदेश में चल रहा है, जिसके अंतर्गत दो नदियों को जोड़कर जल भंडारण क्षमता और उपयोगिता बढ़ाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केन-बेतवा लिंक परियोजना का भी भूमि-पूजन किया है। पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से मध्यप्रदेश सरकार ने राजस्थान के साथ वर्षों से लंबित जल बंटवारे का समाधान निकाला। मध्यप्रदेश नदियों का मायका है। प्रदेश में सर्वाधिक 247 नदियां प्रवाहित होती हैं। प्रदेश की जलराशियां पड़ोसी राज्यों को भी समृद्धि प्रदान करती हैं। किसी राज्य को ज्यादा पानी भी मिल जाए तो कोई बुराई नहीं। भारतीय संस्कृति में उदारता का भाव समाया हुआ है। महाराष्ट्र सरकार के साथ तापी मेगा रिचार्ज परियोजना पर सहमति बन चुकी है। इस पर बांध बनाकर प्राकृतिक रूप से ग्राउंड वाटर को रिचार्ज किया जाएगा। जल भंडारण क्षेत्र में यह दुनिया का सबसे अनोखा प्रयोग होगा। दोनों राज्यों के 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने क्षिप्रा नदी में श्रद्धालुओं के स्नान के लिए की जा रही व्यवस्था की भी जानकारी दी।

सांसद खजुराहो वी.डी शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश जल जंगल जमीन और विकास के बीच संतुलन बनाते हुए सभी क्षेत्रों में प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है संसाधनों के शोषण के आधार पर विकास नहीं हो, मुख्यमंत्री डॉ. यादव इसके प्रति विशेष रूप से संवेदनशील है। शर्मा ने प्रदेशवासियों से "एक पेड़ मां के नाम" अभियान में योगदान देने का आहवान किया। मंत्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण देश दुनिया के सामने बड़ी चुनौती है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्व पर्यावरण दिवस पर कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार परिसर में "एक पेड़ मां के नाम" अभियान का सिंदूर, रक्त चंदन और आंवले का पौधा रौप कर शुभारंभ किया। मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर, सांसद वी.डी. शर्मा, भोपाल महापौर श्रीमती मालती राय, विधायक रामेश्वर शर्मा तथा विधायक भगवान दास सबनानी साथ थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एकीकृत पर्यावरण प्रबंधन पोर्टल का शुभारंभ किया तथा राज्य वेटलैंड प्राधिकरण द्वारा तैयार वेटलैंड एटलस का विमोचन किया। पोर्टल पर केंद्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चार पीएचडी छात्रों को पर्यावरण छात्रवृत्ति प्रदान की। उन्होंने पर्यावरण प्रबंधन पर विकसित पाठ्य सामग्री का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वर्ष 2023-23 और वर्ष 2023-24 के म.प्र. वार्षिक पर्यावरण पुरस्कार भी प्रदान किए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वर्ष 2022-23 तथा वर्ष 2023-2024 के लिए इकाइयों और संस्थानों को मध्यप्रदेश वार्षिक पर्यावरण पुरुस्कार प्रदान किये। वर्ष 2022-23 के लिए अत्यंत प्रदूषणकारी उद्योग श्रेणी में मेसर्स लूपिन लिमिटेड मंडीदीप जिला रायसेन तथा मेसर्स टैवा ए पी आई इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मालनपुर, जिला भिंड को और सामान्य उद्योग श्रेणी में मेसर्स मांडलेज इंडिया फूड्स प्राइवेट लिमिटेड, मालनपुर, जिला भिंड को पुरस्कार प्रदान किया गया। खनिजों के उत्खनन से संबंधित श्रेणी में मेसर्स मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड (मोईल), तिरोड़ी माइंस बालाघाट, लघु उद्योग श्रेणी में मेसर्स कोल स्टॉक यार्ड. एस.ई.सी.एल. शहडोल, नगर पालिक निगम श्रेणी में नगर निगम खंडवा, नगर पालिका/नगर परिषद श्रेणी में नगर पालिका परिषद, सिवनी मालवा पुरस्कृत हुए। चिकित्सालय श्रेणी में बुढार सेंट्रल हॉस्पिटल एस.ई.सी.एल. शहडोल, एनजीओ श्रेणी में नितिन अग्रवाल गंजबासोदा और डॉ. वाय के सक्सेना भोपाल, विद्यालय श्रेणी में सेंट्रल एकाडेमी हायर सेकंडरी स्कूल शहडोल तथा केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक 2, भोपाल को पुरस्कृत किया गया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वर्ष 2023-2024 के लिए अत्यंत प्रदूषणकारी उद्योग श्रेणी में मेसर्स जे.के. टायर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड बानमोर जिला मुरैना को, सामान्य उद्योग श्रेणी में मेसर्स सूर्या रोशिनी लिमिटेड, लाइटिंग डिवीजन मालनपुर जिला भिंड तथा मे. अजता फार्मा लिमिटेड एस ई जेड पीथमपुर जिला-धार को पुरस्कृत किया। लघु उद्योग श्रेणी में मेसर्स इंडिया वेस्ट मैनेजमेंट प्रायवेट लिमिटेड मंडीदीप जिला रायसेन, नगर पालिक निगम श्रेणी में नगर पालिक निगम सतना, नगर पालिका/नगर परिषद् श्रेणी में नगर पालिका परिषद गौतमपुरा जिला इंदौर तथा चिकित्सालय श्रेणी में विशेष जुपिटर हॉस्पिटल रिंग रोड, इंदौर और बीसीएम कोकिलाबेन अम्बानी हॉस्पिटल, निपानिया इंदौर को पुरस्कार प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एन.जी.ओ. श्रेणी में नर्मदा समग्र न्यास मध्यप्रदेश भोपाल तथा नेशनल सेंटर फॉर ह्यूमन सेटलमेंट एंड एनवायरनमेंट भोपाल और विद्यालय श्रेणी में शिशुकुंज इंटरनेशनल स्कूल झालरिया, इंदौर तथा सिंधिया कन्या विद्यालय ग्वालियर को पुरस्कार प्रदान किए।

 

Slot Gacor Malam Ini Slot Gacor 2025 slot gacor slot dana https://pariwisata.sultraprov.go.id/ Slot777 slot thailand slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor info kabar slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor https://edu.pubmedia.id/ https://stikesrshusada.ac.id/ https://ijsl.pubmedia.id/ Situs Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor info kabar Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://dakukeren.balangankab.go.id/ slot gacor slot gacor https://elearning.unka.ac.id/ https://jurnal.unka.ac.id/bo/ https://jurnal.unka.ac.id/rep/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot mahjong slot gacor pohon169 pohon169 slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://jurnal.unka.ac.id/ https://unisbajambi.ac.id/ https://sia.unisbajambi.ac.id/ https://sipp.pn-garut.go.id/ https://fatecjahu.edu.br/ https://poltekkesbengkulu.ac.id/ https://journal.unublitar.ac.id/ https://poltekkes-pontianak.ac.id/ https://conference.upgris.ac.id/ https://kabar.tulungagung.go.id/wop/ Slot Gacor 2025 Slot Gacor Hari Ini slot gacor slot gacor slot gacor
  • toto hk
  • togel hongkong
  • toto hk
  • pg77
  • situs pg77
  • pg77 login