कोरबा
वनमंडल कोरबा के करतला और बालकोनगर रेंज में हाथियों का उत्पात लगातार जारी है। बालको रेंज में सक्रिय 12 हाथियों का दल ग्राम सरईपाली में 10 ग्रामीणों के खेतों को तहस नहस करने के बाद ग्राम सोनगुड़ा पहुंच गया है। वहीं, करतला रेंज के ग्राम बोड़ाझाप में मौजूद हाथी आगे बढकर ग्राम सेंद्रीपाली के जंगल में डेरा डाल दिया है। हाथियों के दल ने यहां पहुंचने से पहले रास्ते में अनेक किसानों की धान फसल को बर्बाद कर दिया है। जिसका आंकलन वन विभाग द्वारा किया जा रहा है।
बालको रेंजर जयंत सरकार ने बताया कि उनके रेंज में मौजूद हाथियों के अजगरबहार क्षेत्र की ओर बढने की संभावना है। वहां के स्टाफ को सतर्क कर दिया गया है और उनसे हाथियों की निगरानी के साथ क्षेत्र में मुनादी कराने की तैयारी रखने को कहा गया है। इस बीच कटघोरा वनमंडल के एतमानगर रेंज में 53 हाथी अभी भी पचरा जंगल में डेरा डाले हुए हैं। हाथियों का यह दल रात में जंगल से निकलकर गांव के निकट पहुंचता है तथा वहां खेतों में उत्पात मचाने तथा फसल को तहस-नहस करने के बाद वापस जंगल लौट जाता है। हाथियों के उत्पात से क्षेत्र के ग्रामीण हलाकान हैं। वहीं, हाथियों के डेरा डालने से उनमें दहशत भी व्याप्त है।
वहीं, कटघोरा वन मंडल के ऐतमा परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत पचरा में 53 हाथियों का विशाल झुंड पहुंच गया। अचानक हुए इस घटनाक्रम से पूरे ग्राम में भय का माहौल बन गया। हाथियों की आवाज और गतिविधियों को देखते हुए ग्रामीण रातभर जागकर अपनी सुरक्षा में लगे रहे। कई स्थानों पर लोगों ने आग जलाकर हाथियों की निगरानी की और उन्हें आबादी से दूर खदेड़ने का प्रयास किया। ग्रामीणों के अनुसार, हाथियों के झुंड ने काफी खेतों में खड़ी फसलें रौंद दीं। जिससे किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। धान की फसल बर्बाद होने से कृषक परिवार चिंतित हैं। कुछ स्थानों पर हाथी गांव की सीमा तक आ पहुंचे, जिससे घरों को भी खतरा उत्पन्न हो गया।
स्थानीय लोगों ने वन विभाग पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि इतना बड़ा झुंड ग्राम के पास घूम रहा है, लेकिन वन विभाग का कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं दिखा। अपनी सुरक्षा हमें स्वयं करनी पड़ रही है। ग्रामीणों ने बताया कि वे लगातार हाथियों की दिशा पर नजर रख रहे हैं ताकि कोई अनहोनी न हो। हाथियों के कारण उत्पन्न स्थिति से ग्राम में दहशत बनी हुई है।
Dainik Aam Sabha