लखनऊ
लॉकडाउन के चलते बिजली की मांग में भी भारी कमी आई है और पावर सेक्टर को झटका लगा है। इससे प्रतिदिन बिजली खपत में भारी गिरावट आई है। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। फेडरेशन का कहना है कि लॉकडाउन के पहले देश में बिजली की मांग 1,54,045 मेगावाट थी, जो घटकर 1,21,937 मेगावाट रह गई है। देशभर में प्रतिदिन बिजली खपत 35,650 लाख यूनिट से घटकर 29,750 लाख यूनिट पर आ गई है। खपत घटने से अकेले उप्र में 30 करोड़ रुपए प्रतिदिन से अधिक का नुकसान हो रहा है, जो 21 दिन में 650 करोड़ रुपए से अधिक हो जाएगा।
1 लाख ब्रांच खुलीं, 10 लाख भी नहीं पहुंचे
एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन में भी सभी बैंकों की 80% ब्रांच खोली गईं। लेकिन हर बैंक में औसत 15-20 लोग ही पहुंचे। इसके बाद बैंकों ने आरबीआई को लिखा है कि शाखाओं में गतिविधियां कम हो गई हैं। न आरटीजीएस हो रहे हैं, न चेक क्लियरिंग हो रही हैं। ईएमआई के लिए जनरेट होने वाले ईसीएस और क्लियरिंग भी मुंबई से ही हो जाते हैं।
महज 20-30 लोग जा रहे
मेट्रो सिटी में हर एटीएम में रोज औसत 250 और टियर-2 सिटी में 150 हिट्स होती हैं। यानी इतने लोग पैसे निकालते हैं। लेकिन तीन दिन में मेट्रो एटीएम में हिट्स घटकर 40-50 तो टियर-2 सिटी में 20-30 रह गई हैं।