आम सभा, भोपाल। संभाग के सभी कृषकों का प्रधानमंत्री फसल बीमा शत-प्रतिशत करायें। सभी संभाग के कृषि अधिकारी फसल बीमा का कव्हेरेज प्रत्येक किसान तक सुनिश्चित करें। यह निर्देश भोपाल संभागायुक्त कवीन्द्र कियावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के कृषि अधिकारियों को दिये। उन्होंने बताया कि 31 अगस्त तक हर हाल में कृषक बीमित हो जाएं अन्यथा संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए।
बैठक में संयुक्त आयुक्त अनिल द्विवेद्धी, संयुक्त संचालक कृषि बीएल बिलैया सहित को-ऑपरेटिव सोसायटी के अधिकारी उपस्थित थे।
संभागायुक्त श्री कियावत ने कहा कि फसल बीमा प्रक्रिया अल्प समय के लिये क्रिंयावित की गई है, इसलिये ग्रामीण स्तर पर प्रचार-प्रसार हेतु मैदानी अमले को सक्रिय करें। अंर्तविभागीय दल गठित कर व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करायें। प्रधानमंत्री फसल बीमा का किसानों को शत-प्रतिशत लाभ अर्जित हो इसके लिये स्थानीय स्तर पर मीडिया के माध्यम से आवश्यक प्रचार अभियान सुनिश्चित करें। जिला एवं ब्लॉक स्तर पर बैंकर्स कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक क्लस्टर लेवल पर आयोजित कर बैंकर्स को इस संबंध में आवश्यक सहयोग प्रदान करने हेतु समन्वय किया जाए।
श्री कियावत ने कहा कि किसानों के लिये फसल बीमा अत्यंत जरूरी है। समितियाँ, बैंक, सहकारी संस्थाएं कृषकों के फसल बीमा आवेदनों को रात्रि में भी जमा एवं पंजीयन कराना सुनिश्चित करें। किसानों को समझाईश भी दें कि अपने फसल बीमा के लिये सहकारिता बैंक की नजदीकी शाखा में अपना प्रीमियम जमा करायें। उन्होंने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय कर एक दूसरे के पूरक बनकर किसानों को फसल प्रीमियम जमा कराने और इसका शत-प्रतिशत लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिलों में ऐसे किसान जो किसी कारणवश डिफाल्टर की श्रेणी में आये हैं, उन्हें भी बीमा कराने के लिये प्रोत्साहित करें और उन्हें बताये कि यदि वह अपने लोन की अधिकतम राशि के साथ बीमा का प्रीमियम जमा करेंगे तो उन्हें भी फसल बीमा का लाभ मिल सकेगा। साथ ही क्षतिपूर्ति और मुआवजा की राशि भी मिलेगी।
“खाद, यूरिया की पूर्ति सुनिश्चित करें”
श्री कियावत ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी जिलों में खाद और यूरिया की आपूर्ति सुनिश्चित करें। यूरिया और खाद का भंडारण शत-प्रतिशत हो। आगामी रबी सीजन के लिये भी सभी को-ऑपरेटिव सोसायटियों के जिला अधिकारी यूरिया और खाद के भंडारण के लिये एडवांस लिफ्टिंग कराये ताकि समय रहते भंडारण हो सके। उन्होंने सभी जिला प्रमुख को निर्देश दिये कि ऑनलाइन डेटा फीडिंग अपडेट करें।
“दवाई, खाद – बीज के नमूने लें, अमानक पाये जाने पर संबंधित फर्म पर एफआईआर दर्ज कराएं”
कमिश्रनर श्री कियावत ने जिला अधिकारियों को निर्देश दिए कि दवाई, खाद, बीज के जाँच, परीक्षण उपरांत अमानक पाये जाने पर संबंधित फर्म अथवा संस्था पर एफआईआर दर्ज करायें। खाद, बीज की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाए। श्री कियावत ने कहा कि सोयाबीन फसल को प्राकृतिक आपदा से जो क्षति हुई है इसके लिये सहकारी संस्था और एनएसई से प्राप्त खाद, बीज के परीक्षण प्रयोगशाला में करायें ताकि इसकी वस्तु स्थिति सुनिश्चित हो सके। उन्होंने निर्देशित किया कि जिलों में समितियों, संस्थाओं से प्राप्त अमानक बीज और खाद विक्रय करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करते हुये संस्था का लाइसेंस भी तत्काल प्रभाव से निरस्त किये जायें।
“जिलों में “एक फसल-एक कार्यक्रम” चलायें”
कमिश्नर श्री कियावत ने जिला अधिकारियों से कहा कि जिलें में एक फसल- एक कार्यक्रम अभियान चलायें। प्रत्येक जिले में ऐसी एक फसल का चयन कर कृषि क्षेत्र का विस्तार करें। जिससे उस फसल का उचित मूल्य प्राप्त हो सके। साथ ही बाजार मूल्य में भी वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राजगढ़ जिले में सर्वाधिक धनिया की उपज, रायसेन में बासमती, विदिशा में चना तथा सीहोर में शरबती गेहूँ प्रसिद्ध है इसके लिये एक फसल-एक कार्यक्रम अभियान चलायें और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देते हुये संबंधित फसलों का क्षेत्र विस्तार करें। उन्होंने कहा कि इसके लिये खेती करने का तरीका, मौसम, जलवायु परिवर्तन सहित कृषि क्षेत्र को और अधिक विस्तार के लिये कृषि वैज्ञानिकों की भी सलाह ली जाए।